पटना के जिला शिक्षा कार्यालय ने बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 (आरटीई) के मानकों को पूरा नहीं करने वाले जिले के 433 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार, इन स्कूलों ने विगत वर्षों में शिक्षा विभाग के ई-संबद्धन पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन जांच में ये आरटीई मानकों पर खरे नहीं उतरे।
आरटीई मानकों की जांच में 433 स्कूल फेल
जिला शिक्षा कार्यालय की जानकारी के अनुसार, पटना जिले के 1816 निजी स्कूलों ने ई-संबंधन पोर्टल पर अपने आवेदन अपलोड किए थे। इन आवेदनों की प्रखंड स्तर पर गहन जांच की गई, जिसमें पाया गया कि 433 स्कूल आरटीई के मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने इन स्कूलों की मान्यता को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है।
1383 स्कूलों का आवेदन अब भी लंबित, 1053 को मिली मान्यता
जांच के बाद 1383 स्कूलों के आवेदनों को पुनः सत्यापन के लिए संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को भेजा गया है। अब तक 1053 स्कूलों को मान्यता प्रदान की जा चुकी है। इसके अलावा, शेष 330 स्कूलों में से 85 स्कूलों की जांच पूरी कर ली गई है और इन्हें मान्यता दी जा चुकी है। जिला शिक्षा कार्यालय ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शेष 145 स्कूलों की जांच 20 दिसंबर 2024 तक पूरी की जाए।
यू-डायस और ज्ञानदीप पोर्टल पर विवरण अपलोड करने के निर्देश
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को यू-डायस पोर्टल और ज्ञानदीप पोर्टल पर आवश्यक जानकारी अपलोड करने का निर्देश दिया है। यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा उठाए गए इस कदम से शिक्षा के क्षेत्र में एक सख्त संदेश गया है कि मानकों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।