Bihar Land Registry: बिहार में जमीन और मकान के रजिस्ट्रेशन में सामने आई गड़बड़ियों की जांच की जाएगी। हाल के दिनों में निबंधन में अनियमितताओं के कई मामले उजागर हुए हैं। कहीं व्यावसायिक भूमि को आवासीय भूमि बताकर रजिस्ट्रेशन किया गया तो कहीं बहुमंजिला मकान को एकमंजिला मकान बताकर निबंधन कराया गया। निबंधन अधिकारियों की मिलीभगत से यह गड़बड़ियां हो रही हैं।
प्रमुख मामलों का खुलासा
वैशाली में व्यावसायिक भूमि को आवासीय भूमि दिखाकर 2.5 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। तो भागलपुर में निबंधन में 1.5 करोड़ रुपये की अनियमितता सामने आई है। वहीं बिक्रमगंज से 95 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। इन गड़बड़ियों के चलते राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
व्यापक जांच का आदेश
निबंधन विभाग ने सभी जिलों के निबंधन कार्यालयों में रजिस्टर्ड जमीन और मकानों की जांच कराने का निर्णय लिया है। जिसके तहत अब ऑनस्पॉट निरीक्षण होगा। हर निबंधन कार्यालय में जमीन और मकानों की स्थल जांच होगी। एक अधिकारी 10 रजिस्टर्ड स्थलों की जांच करेगा। निरीक्षण के दौरान फोटोग्राफ लिए जाएंगे और साक्ष्य के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। रैंडम जांच के बाद दूसरे अधिकारियों से भी क्रॉस-वेरिफिकेशन होगा।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई
जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित जमीन या मकान का रजिस्ट्रेशन कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। निबंधन प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों पर सख्त दंड लगाया जाएगा। सरकार को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई दोषी अधिकारियों से की जाएगी।
निबंधन महानिरीक्षक का बयान
आयुक्त उत्पाद सह निबंधन महानिरीक्षक रजनीश कुमार सिंह ने कहा कि वैशाली, भागलपुर, और बिक्रमगंज में अब तक चार करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी सामने आई है। निबंधन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए यह व्यापक जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।