अब ठंड का समय आ गया है। मौसम धीरे-धीरे बदलने लगा है। ऐसे में मौसम में हो रहे परिवर्तन के साथ ही हमारी लाइफस्टाइल में भी बदलाव होने लगता है। जब पारा 6 डिग्री से कम हो तो ठंडे पानी से नहाना किसी चुनौती से कम नहीं होता। लोग ठंड से बचने के लिए गर्म पानी से नहाना पसंद करते हैं। आज के दौर में पानी गर्म करने के लिए गीजर जैसे आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का खूब इस्तेमाल होता है। गीजर से पानी बेहद कम समय में गर्म हो जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी है। तो चलिए जानते हैं कि गीजर का कैसे इस्तेमाल करते हैं, उस समय किन सावधानियों को ध्यान में रखें।
किसी भी अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम की तरह गीजर को भी देखभाल की जरूरत होती है। आमतौर पर लोग बाथरूम में गीजर इंस्टॉल कराते हैं। हालांकि अगर बाथरूम में गीजर ठीक से इंस्टॉल नहीं किया गया है तो यह खतरनाक भी हो सकता है। गीजर के इनलेट और आउटलेट पाइप प्लास्टिक की बजाय मेटल के होने चाहिए। मेटल पाइप मजबूत और टिकाऊ होते हैं, जो गीजर के हाई टेम्परेचर और प्रेशर को सहन कर सकते हैं। दीवार और गीजर के बीच कुछ सेंटीमीटर का गैप रखना जरूरी है। इससे मेंटेनेंस में आसानी होती है। किसी भी तरह की समस्या होने पर गीजर के पार्ट आसानी से बदले जा सकते हैं। इसके अलावा शॉर्ट सर्किट होने पर दीवार में करंट नहीं आता है।
गीजर को फर्श से कम-से-कम 6 फीट यानी 1.8 मीटर की ऊंचाई पर लगाना चाहिए। इससे न सिर्फ गर्म पानी की सप्लाई अच्छी होती है, बल्कि करंट का खतरा भी नहीं रहता है। MCB यानी मिनिएचर सर्किट ब्रेकर एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल डिवाइस है, जो गीजर को इलेक्ट्रिक ओवरलोड और शॉर्ट सर्किट से बचाता है। यह स्विच की तरह काम करता है। जब करंट एक निश्चित सीमा से ज्यादा होता है तो MCB ट्रिप कर जाता है। इससे आग लगने की संभावना कम होती है। इसलिए इंस्टॉलेशन के दौरान यह सुनिश्चित करें कि आपके गीजर कनेक्शन को MCB से जोड़ा गया है या नहीं।