Bihar News: बिहार में गेहूं की बुआई के लिए डीएपी की किल्लत अब दूर हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा दिसंबर में 73,000 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति के बाद राज्य में इसकी उपलब्धता 90% से अधिक हो गई है। हाल ही में केंद्र से 10,000 मीट्रिक टन की एक और खेप भेजी गई है, जिससे किसानों को और राहत मिली है। कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में डीएपी की कुल आवश्यकता 2.45 लाख मीट्रिक टन है। केंद्र सरकार से प्राप्त ताजा आपूर्ति के बाद अब केवल 21,000 मीट्रिक टन की और आवश्यकता रह गई है।
विधानसभा में हुआ था हंगामा
पिछले दिनों डीएपी की किल्लत को लेकर विधानसभा में भी हंगामा हुआ था। तब कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने आश्वासन दिया था कि डीएपी की मांग के अनुरूप आपूर्ति की जा रही है। नवंबर में राज्य में डीएपी की मांग के मुकाबले 77% उपलब्धता थी और केंद्र सरकार ने नवंबर के अंत तक 15,000 मीट्रिक टन अतिरिक्त डीएपी भी भेजी थी।
डीएपी की किल्लत दूर
बता दें कि,केंद्र सरकार ने बिहार को 73,000 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की। राज्य में डीएपी की उपलब्धता अब 90% से अधिक हो गई है। गेहूं की बुआई के लिए डीएपी की मांग पूरी हो गई है। हाल ही में केंद्र से 10,000 मीट्रिक टन की एक और खेप भेजी गई है। राज्य में डीएपी की कुल आवश्यकता 2.45 लाख मीट्रिक टन है। अब केवल 21,000 मीट्रिक टन की और आवश्यकता रह गई है।
नवंबर के अंत में केंद्र ने भेजी 5 हजार मीट्रिक टन डीएपी
जानकारी अनुसार नवंबर के तीसरे सप्ताह में बिहार में 1.75 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत थी, जबकि 1.35 लाख मीट्रिक टन की उपलब्धता थी। इस प्रकार सूबे में मांग के हिसाब से 77 फीसदी की उपलब्धता थी। हालांकि नवंबर के अंत तक केन्द्र से 15 हजार मीट्रिक टन डीएपी भेजी भी गई।