Bihar News:दो आरोप, और लगेगा ठप्पा 'असामाजिक तत्व' का, बिहार सरकार ने कसी नकेल, जिला बदर और निरुद्ध के लिए सख्त नियम

Bihar News:अब बिहार में किसी व्यक्ति को असामाजिक तत्व घोषित कर जिला बदर या निरुद्ध करने से पहले पुलिस को ठोस सबूत और हालिया आपराधिक रिकॉर्ड पेश करना होगा।

Two allegations and will be labeled as anti social element
दो आरोप, और लगेगा ठप्पा 'असामाजिक तत्व' का- फोटो : social Media

Bihar News:अब बिहार में किसी व्यक्ति को असामाजिक तत्व घोषित कर जिला बदर या निरुद्ध करने से पहले पुलिस को ठोस सबूत और हालिया आपराधिक रिकॉर्ड पेश करना होगा। बिहार पुलिस मुख्यालय ने बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम  के तहत की जाने वाली इन निरोधात्मक कार्रवाइयों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है।

नई व्यवस्था के अनुसार, प्रस्ताव तभी भेजा जाएगा जब व्यक्ति के खिलाफ बीते 24 महीनों में अधिनियम की 11 श्रेणियों में से कम से कम दो मामलों में चार्जशीट (पुलिस रिपोर्ट) दाखिल हो चुकी हो। इसके साथ ही यह भी प्रमाणित होना चाहिए कि संबंधित व्यक्ति की गतिविधियां लोक व्यवस्था को प्रभावित करने वाली हैं।

पुलिस मुख्यालय की अपराध अनुसंधान इकाई ने पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के 222 न्यायादेशों का अध्ययन किया। पाया गया कि 60% मामलों में न्यायालय ने जिला बदर या निरुद्ध आदेश को रद्द कर दिया, क्योंकि पुलिस द्वारा तय कानूनी मानकों का पालन नहीं किया गया था।

मुख्यालय ने बताया कि अक्सर बहुत पुराने मामलों को आधार बनाकर प्रस्ताव भेजे जाते हैं, जिनकी वर्तमान में प्रासंगिकता नहीं होती। कई बार सिर्फ थाना डायरी में की गई प्रविष्टियों को भी आधार बना दिया जाता है, जो न्यायिक समीक्षा में खरे नहीं उतरते।

केवल ऐसे मामलों को आधार बनाया जाए जिनमें चार्जशीट दायर हो चुकी हो और जो पिछले 24 महीनों के भीतर के हों।दोषमुक्त हो चुके या साक्ष्यहीन मामलों को प्रस्ताव का आधार नहीं बनाया जाएगा।यदि प्रस्ताव विचाराधीन बंदी  के विरुद्ध दिया जा रहा हो, तो उसमें जमानत, दोषमुक्ति आदेश या लंबित आवेदन का स्पष्ट उल्लेख अनिवार्य होगा।सिर्फ आशंका के आधार पर निरुद्ध आदेश का प्रस्ताव नहीं भेजा जा सकता।