MUZAFFARPUR : एक तरफ जहाँ बिहार सरकार ने राज्य में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाये हैं। इसी कड़ी में पटना के कंकड़बाग़ में पाटलिपुत्र स्पोर्ट काम्प्लेक्स का निर्माण किया गया। जहाँ कई तरह के खेल प्रतियोगिताएं का आयोजन किया जाता है।
वहीँ नालंदा के राजगीर में विश्व स्तरीय स्पोर्ट काम्प्लेक्स का निर्माण किया गया है। जहाँ पिछले महीने ही यहाँ एशियन महिला हॉकी चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया। इसमें भारत सहित 6 देशों की टीमें शामिल हुई।
लेकिन मुजफ्फरपुर जिले की कहानी कुछ और है। दरअसल मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर स्टेडियम में 2015 में एकलव्य बालक हॉकी प्रशिक्षण केंद्र का स्थापना किया गया था । इस बीच यहाँ से प्रशिक्षण ले चुके कई युवाओं ने देश और प्रदेश स्तर पर अपने प्रतिभा का परचम फहराया। लेकिन स्थापना के महज 9 साल के बाद ही इस प्रशिक्षण केंद्र को हटाकर राजगीर भेजा जा रहा है। 25 दिसंबर तक जिला खेल पदाधिकारी को यहाँ से सभी सामान को राजगीर ले जाने को कहा गया है।
हालाँकि मुजफ्फरपुर में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इसके पहले भी सिकंदरपुर स्टेडियम में स्थापित एथलेटिक्स, कबड्डी और फ़ुटबाल के लिए स्थापित साईं सैंग सेंटर को बंद कर दिया गया है।
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के इस आदेश के बाद जिले में बवाल मच गया है। लोगों का आरोप है की प्राधिकरण इलाके में खेल प्रतिभाओं का भविष्य उज्जवल नहीं करना चाहता है। यहाँ के खिलाडियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। नगर विधायक विजेंद्र चौधरी ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा की इससे इलाके के खिलाडियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वहीँ चौधरी ने कहा की इस मामले को लेकर वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात करेंगे।
रितिक की रिपोर्ट