PATNA - पटना हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय से मुंगेर फैमिली कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके अंतर्गत फैमिली कोर्ट ने एक को कानूनी पत्नी घोषित कर दूसरी पत्नी को फर्जी महिला करार दिया था।जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने गीता देवी की अपील को स्वीकृति देते हुए यह निर्णय सुनाया ।
अपीलकर्ता गीता देवी ने मुंगेर फैमिली कोर्ट के निर्णय को हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी,जिसके अंतर्गत फैमिली कोर्ट ने मुंगेर निवासी कुमकुम देवी को उसके पति रवि कुमार की कानूनी पत्नी घोषित किया था।कुमकुम देवी ने मुंगेर फैमिली कोर्ट के समक्ष दावा किया था कि 1986 को रवि कुमार के साथ विवाह हुआ था।
बाद में फैमिली कोर्ट,रोहिणी, दिल्ली ने उसके पति के नाम से नोटिस जारी किया गया था, जिसमे गीता देवी ने खुद को रवि कुमार की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी होने का दावा करते हुए विवाह से पैदा हुए दो बच्चों के लिए भरण-पोषण का भी दावा किया था।इस पर पति रवि कुमार एवं कुमकुम देवी ने फैमिली कोर्ट में अधिनियम की धारा 7 (बी) के तहत याचिका दायर की।
मुंगेर फैमिली कोर्ट ने कुमकुम को रवि की कानूनी पत्नी करार देते हुए गीता देवी (अपीलकर्ता) को फर्जी महिला घोषित कर दिया । हाई कोर्ट ने पाया कि फॅमिली कोर्ट ने अपीलकर्ता को सुने बिना ही एकपक्षीय फैसला पारित कर दिया है ।
हाई कोर्ट ने फॅमिली कोर्ट के इस मान्यता को भी ग़लत माना, जिसके अंतर्गत एक अपीलकर्ता एक फर्जी महिला करार दी गई थी ।
हाईकोर्ट ने मुंगेर फैमिली कोर्ट द्वारा पारित निर्णय व डिक्री को रद्द कर दिया, जिसमे कुमकुम को रवि की कानूनी पत्नी घोषित किया गया था। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले पर नए सिरे से विचार करने के लिए मुंगेर फैमिली कोर्ट के समक्ष वापस भेजा दिया।