Ratan Tata love Story: देश के सबसे बड़े उद्योगपति ने क्यों नहीं की शादी, रुला देगी 85 साल के 'बैचलर' रतन टाटा की 'प्रेम कहानी'...

Ratan Tata love Story

Ratan Tata love Story:  टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उद्योगपति ने कई दशकों तक नमक से लेकर सॉफ्टवेयर समूह का नेतृत्व किया था। उन्होंने बीते दिन 9 अक्टूबर को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में  रात 11.30 बजे अंतिम सांस ली। आज शाम 4 बजे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। रतन टाटा के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है। 

रुला देगी रतन टाटा की प्रेम कहानी

रतन टाटा के नाम से देश में नमक से लेकर हवाई जहाज तक है। लेकिन देश भर में लोगों के दिलों पर राज करने वाले रतन टाटा के दिल में कौन थी..ये रतन टाटा के जीवन की सबसे रोचक कहानी है। रतन टाटा अपनी प्रेमिका से इस हद तक प्यार करते थे कि प्रेमिका से विवाह ना होने पर उन्होंने आजीवन अकेले रहना उचित समझा लेकिन कभी किसी अन्य लड़की से शादी नहीं की। रतन टाटा की प्रेम कहानी जितनी रोचक है उतनी है दर्द से भरी हुई भी है। 

प्रेमिका से नहीं कर पाए शादी

दरअसल, रतन टाटा अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक कंपनी में काम करते थे। इस दौरान उन्हें लॉस एंजिल्स में एक लड़की से प्यार हुआ था, लेकिन देश की सबसे बड़े उद्योगपति जिन्होंने हर क्षेत्र में कितना नाम कमाया उनकी ही प्रेम कहानी अधूरी रह गई। रतन टाटा अपनी प्रेमिका से विवाह करना चाहते थे। लेकिन भारत में रह रही उनकी दादी की तबीयत लगातार खराब होने के कारण उन्हें भारत वापस आना पड़ा। रतन टाटा को लगा कि उनकी प्रेमिका उनके साथ भारत आएंगी। लेकिन 1962 में भारत-चीन की लड़ाई ने उनकी इस उम्मीद को तोड़ दी। उनके प्रेमिका के माता पिता उसकी शादी किसी ओर से करा दिए, क्योंकि वो लड़की के भारत आने के फैसले से खुश नहीं थे। जिसके बाद रतन टाटा और उनकी प्रेमिका का रिश्ता टूट गया।

देश ने खो दिया अपना 'रतन'

अपने प्रेमिका से जुदा होने के बाद रतन टाटा ने आजीवन शादी नहीं करने का फैसला लिया। जिसके बाद उन्होंने कभी शादी नहीं की और उद्योग के क्षेत्र में अपना नाम आगे बढ़ाते गए। रतन टाटा सादगी से भरे नेक और दरियादिल इंसान होने के साथ साथ लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणास्त्रोत भी थे। उनके समूह से जुड़े छोटे से छोटे कर्मचारियों को वो अपना परिवार मानते थे। रतन टाटा के निधन से देश भर में शोक का लहर है। रतन टाटा ने अपने काबिलियत की दम पर अपने घरेलू कारोबार को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाया। आज रतन टाटा के निधन से उनके समूह के छोटे से छोटे कर्मचारी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।