Bihar Teacher News: बिहार के सीतामढ़ी जिले में छात्रों के लिए बनाए जा रहे अपार कार्ड के लक्ष्य को पूरा करने में काफी धीमी गति देखी जा रही है। जिले में 5.52 लाख छात्रों के अपार कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक केवल 49 हजार से अधिक कार्ड ही बन पाए हैं। इस लापरवाही पर जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीपीओ) ने नाराजगी व्यक्त की है और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।
क्या है अपार कार्ड
अपार कार्ड एक तरह का डिजिटल आईडी कार्ड है, जो छात्रों के शैक्षिक रिकॉर्ड को एक जगह रखता है। इस कार्ड में छात्र का नाम, पता, फोटो, शैक्षणिक योग्यता, खेलकूद में उपलब्धियां आदि सभी जानकारी शामिल होती है। यह कार्ड छात्रों को भविष्य में कई तरह से फायदा पहुंचाएगा।
क्यों है चिंता
डीपीओ ने बताया कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूलों के बच्चों के अपार आईडी बनाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस काम में बहुत कम रुचि दिखाई गई है। कई स्कूलों में अभी तक इस कार्ड बनाने का काम शुरू भी नहीं हुआ है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले के सरकारी और निजी 2915 स्कूलों में से अब भी 1235 स्कूलों में अपार कार्ड बनाने की शुरुआत भी नहीं की गई है। ऐसे में संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक और निजी स्कूल संचालकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
कार्रवाई
डीपीओ ने सभी प्रखंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) और स्कूल प्रधानाध्यापकों को चेतावनी दी है कि अगर अगले सात दिनों के अंदर लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में 9 और 10 दिसंबर को विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक अपार कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन जिले में मात्र 5,52,642 छात्र-छात्राओं का अपार आईडी बनाना था लेकिन 49081 का ही बन पाया है। जिले की उपलब्धि मात्र 8.88 प्रतिशत है।