BPSC Protest: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 7 जनवरी को 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) प्रारंभिक परीक्षा में कथित अनियमितताओं और पेपर लीक के मामले में दायर याचिका को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को पटना हाईकोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज कराने का सुझाव दिया।
सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले की सुनवाई से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि यह मामला पहले हाईकोर्ट में उठाया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं का दावा था कि परीक्षा में पेपर लीक की घटनाएं आम हो चुकी हैं। अदालत ने कहा कि वह छात्रों की भावनाओं को समझती है, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट के लिए प्रारंभिक सुनवाई का उपयुक्त मंच नहीं है।
पहले हाईकोर्ट जाने की सलाह
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने तर्क दिया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बिहार पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की, जिसे पूरे देश ने देखा। इस पर अदालत ने कहा, "हम आपकी भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन अनुच्छेद 226 के तहत पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर करना उचित और तेज़ उपाय होगा।"
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और रिहाई
मालूम हो कि जनसुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए 2 जनवरी को पटना के गांधी मैदान में अनशन शुरू किया था। पटना पुलिस ने उन्हें अनशन समाप्त करने का निर्देश दिया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद 6 जनवरी को सुबह 4 बजे प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उसी दिन कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। जेल से बाहर आने पर प्रशांत किशोर ने कहा, "जनता की ताकत से बड़ी कोई ताकत नहीं होती।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस के पास उनकी गिरफ्तारी का कोई ठोस आधार नहीं था।
छात्रों की मांगें क्या हैं?
13 दिसंबर, 2024 को हुई BPSC प्रारंभिक परीक्षा के बाद छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए है। छात्रों ने परीक्षा में पेपर लीक होने का आरोप लगाया है। परीक्षा रद्द करने और पुन: परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से छात्रों पर हुई कार्रवाई को लेकर विरोध कर रहे हैं।