GAYA : थाईलैंड के दस सदस्यों का एक शिष्टमंडल बोधगया पहुंचा। सबसे पहले बोधगया के आदि शंकराचार्य मठ में पूजा किया,उसके बाद बोधगया के एक निजी स्थान पर थाई स्टाइल में खीर बनाया। जिसे थाई भाषा में मधुपाया भी कहा जाता है। वही अजान यानरवी चंद्रकदमोत्री उर्फ बड़ी मां के नेतृत्व में आज दिन बुधवार को थाईलैंड के मेहमान विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर पहुंचे और भगवान बुद्ध का आशीर्वाद प्राप्त किया। उसके बाद पवित्र बोधी वृक्ष जाकर कुछ देर ध्यान साधना किया।
वही मंदिर परिसर में बौद्ध भिक्षुओं को खीर खिलाई। बौद्ध धर्म में खीर को बड़ा ही महत्व दिया गया है। ऐसा मानना है कि सुजाता महारानी ने जब सिद्धार्थ गौतम को खीर खिलाई। उसके बाद बोधी वृक्ष के पास उनका ज्ञान प्राप्त हुआ और वे भगवान बुद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुए। थाईलैंड के आए मेहमानों ने अपने परिवार और देशवासियों के लोगों की सुख शांति की कामना की।
साथ ही भारत और थाईलैंड के मैत्री संबंधों में और भी मजबूती आए इसकी कामना किया। अजान यानरवी चंद्रकदमोत्री उर्फ बड़ी मां सुजाता प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहीं है। वे सुजाता ग्राम को और भी विकसित करने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर थाईलैंड के एलंगकॉर्न करिऊना और तनाडा भी मौजूद थे।
गया से संतोष की रिपोर्ट