10 Bet IPS Officers: भारतीय पुलिस सेवा (IPS) ने देश को कई असाधारण अधिकारी दिए हैं, जिन्होंने अपनी बहादुरी, समर्पण और अडिग निष्ठा से देशभर में अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा लिया है। इन अधिकारियों ने न केवल अपराधियों को कानून के शिकंजे में कसा, बल्कि जनता के दिलों में भी अपनी एक खास जगह बनाई है। आइए जानते हैं उन कुछ प्रमुख आईपीएस अधिकारियों के बारे में, जिन्होंने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से देश का नाम रोशन किया।
1. नवनीत सिकेरा: उत्तर प्रदेश के सुपरकॉप
1996 बैच के आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा उत्तर प्रदेश के सुपरकॉप के नाम से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कई साहसिक अभियानों को अंजाम देकर अपनी पहचान बनाई। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश पुलिस में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत हैं। नवनीत सिकेरा के जीवन पर आधारित एक वेब सीरीज "भौकाल" ने भी उन्हें देशभर में प्रसिद्ध किया है। उनकी निडर छवि और कड़े फैसले उन्हें एक बहादुर और दृढ़निश्चयी अधिकारी के रूप में स्थापित करते हैं।
2. मनु महाराज: बिहार के सुपरकॉप
2005 बैच के आईपीएस अधिकारी मनु महाराज का नाम बिहार के सबसे काबिल और बहादुर अधिकारियों में शुमार है। उन्होंने अपने समय में कई माफियाओं और अपराधियों को गिरफ्तार किया। उनकी छवि एक ऐसे पुलिस अधिकारी की है, जो अपराधियों को सबक सिखाने में विश्वास रखते हैं। युवाओं के बीच वे बेहद लोकप्रिय हैं, और पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के रूप में उनकी भूमिका ने उन्हें और भी चर्चित बना दिया।
3. शिवदीप लांडे: पटना का हीरो
शिवदीप वमन लांडे, 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी, अपनी सख्त छवि और अपराधियों के बीच खौफ के लिए जाने जाते हैं। पटना में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने कई साहसिक कदम उठाए, जिसमें लड़कियों की सुरक्षा के लिए अपना मोबाइल नंबर साझा करना शामिल था। उनके इस कदम से पटना की सड़कों पर अपराध दर में गिरावट आई। शिवदीप लांडे की जनसेवा और साहस उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय अधिकारी बनाती है।
4. डी रूपा: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई
कर्नाटक कैडर की आईपीएस अधिकारी डी रूपा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी कड़ी कार्रवाई के लिए एक खास पहचान बनाई है। उन्होंने कर्नाटक की जेल प्रणाली में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया और पुलिस बल में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया। उनकी ईमानदारी और कठोर निर्णय उन्हें जनता के बीच आदर्श अधिकारी के रूप में स्थापित करते हैं।
5. सचिन अतुलकर: फिटनेस प्रेमी अधिकारी
सचिन अतुलकर, मध्य प्रदेश कैडर के 2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह न केवल एक तेजतर्रार पुलिस अधिकारी हैं, बल्कि फिटनेस के प्रति उनका जुनून भी उन्हें खास बनाता है। 22 साल की उम्र में आईपीएस बनने वाले सचिन ने राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट और घुड़सवारी में स्वर्ण पदक भी जीते हैं। उनका जीवन पुलिस सेवा और फिटनेस का एक बेहतरीन उदाहरण है।
6. अमित लोढ़ा: 'गब्बर सिंह' के खिलाफ अभियान
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा ने अपने साहसिक अभियानों से अपराध की दुनिया में एक खास पहचान बनाई है। उन्होंने माफिया सरगनाओं जैसे पिंटू महतो और अशोक महतो के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई की। उनकी कार्रवाई ने शेखपुरा में अपराधियों के आतंक का खात्मा किया और उन्हें जनता के बीच एक नायक के रूप में स्थापित किया।
7. सौम्या सांबसिवन: शिमला की पहली महिला एसपी
हिमाचल प्रदेश कैडर की आईपीएस अधिकारी सौम्या सांबसिवन शिमला की पहली महिला पुलिस अधीक्षक बनीं। उन्होंने अपने अनुशासन और कठोर निर्णयों से पुलिस बल में अपनी अलग पहचान बनाई। सिरमौर जिले में रहते हुए उन्होंने कई जघन्य अपराधों का पर्दाफाश किया और 6 मर्डर केस को हल किया।
8. एके रवि कृष्ण: गांव गोद लेने वाले अधिकारी
आंध्र प्रदेश के आईपीएस अधिकारी एके रवि कृष्ण ने अपनी अनूठी पहल के लिए ख्याति प्राप्त की है। उन्होंने कुरनूल जिले के कपात्राला गांव को गोद लिया और वहां सड़कों के निर्माण और साक्षरता कार्यक्रमों जैसी कई परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया। उनकी यह पहल उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय और जनहितकारी अधिकारी बनाती है।
9. डॉ. नजरुल: मंत्रियों से टकराने वाले अधिकारी
1981 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. नजरुल को उनकी ईमानदारी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदमों के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने स्वयं के धन से राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में धर्मार्थ संस्थानों के माध्यम से शिक्षा को बढ़ावा दिया और मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के भ्रष्ट आचरण का विरोध किया।
10. संजुक्ता पाराशर: असम की आयरन लेडी
असम की आईपीएस अधिकारी संजुक्ता पाराशर को असम की आयरन लेडी के रूप में जाना जाता है। उन्होंने असम के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों का सफल नेतृत्व किया। मात्र 15 महीनों में उन्होंने 16 बोडो उग्रवादियों का सफाया किया और कई उग्रवादियों को गिरफ्तार किया। उनका साहसिक नेतृत्व उन्हें असम की सबसे प्रभावशाली महिला अधिकारियों में से एक बनाता है।