Varanasi-Kolkata Expressway: बिहार के इन जिलों से होकर गुजरेगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे, फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया शुरु, इन राज्यों में जाना होगा आसान

Varanasi-Kolkata Expressway: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर बिहार में फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण से इन तीन राज्यों में जाना आसान हो जाएगा।

  Varanasi Kolkata Expressway
Varanasi Kolkata Expressway - फोटो : social media

Varanasi-Kolkata Expressway: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए बिहार में फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गया, औरंगाबाद, और कैमूर जिलों में जमीन को लेकर यह प्रक्रिया चल रही है। अनुमान है कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगा। इसके पूरा होने के बाद वाराणसी से कोलकाता की दूरी कम होगी और यात्रा में करीब 6 घंटे की बचत होगी। यह सड़क उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगी और इसकी कुल लंबाई 610 किलोमीटर होगी।

औरंगाबाद, कैमूर और गया में शुरू हुआ काम

फॉरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन अधिनियम, 1980 में संशोधन किया, जिससे यह प्रक्रिया आसान हो गई। अब औरंगाबाद, कैमूर और गया जिलों में जमीन की फॉरेस्ट क्लीयरेंस प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

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कब तक पूरा होगा निर्माण? कितना समय बचेगा?

प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य के अगले कुछ महीनों में शुरू होने और 2027 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। वर्तमान में वाराणसी से कोलकाता के बीच यात्रा में लगभग 15 घंटे लगते हैं, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह दूरी सिर्फ 9 घंटे में तय होगी। इससे लगभग 6 घंटे की बचत होगी।

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यह एक्सप्रेसवे किन रास्तों से गुजरेगा?

यह एक्सप्रेसवे वाराणसी से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के चांद बॉर्डर से बिहार में प्रवेश करेगा। बिहार में यह गया के इमामगंज, सासाराम के तिलौथू और औरंगाबाद से होकर गुजरेगा। कैमूर की पहाड़ियों में करीब 5 किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनाई जाएगी, जिससे सोन नदी को पार कर जीटी रोड के जरिए आगे का रास्ता बनेगा। लगभग 35,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह 610 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बिहार-बंगाल-यूपी-झारखंड को जोड़ेगा।

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