Bihar Heatwave: बिहार में बढ़ती गर्मी ने हालत की खराब, हीट वेव से बीमार पड़ रहे लोग, बच्चों और बुर्जुगों पर मंडराया खतरा
Bihar Heatwave: गोपालगंज में बढ़ती गर्मी से 20 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती, सदर अस्पताल की अव्यवस्था से मरीज बेहाल। डॉक्टरों की अनुपस्थिति और इलाज में देरी पर सवाल उठे।

Bihar Heatwave: बिहार के गोपालगंज जिले में भीषण गर्मी और हीट वेव का असर अब लोगों की सेहत पर साफ दिखने लगा है। मंगलवार को जिले के 20 से अधिक बच्चे और बुजुर्ग तेज़ गर्मी के कारण बीमार हो गए और उन्हें सदर अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। मरीजों में बुखार, सिरदर्द, डायरिया, उल्टी, एलर्जी और फूड प्वाइजनिंग जैसे लक्षण देखे गए हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि अस्पताल के बाहर ओपीडी के शेड के नीचे भी भीड़ इतनी बढ़ गई कि कई मरीजों को तेज़ धूप में खड़े होकर पर्ची के लिए इंतजार करना पड़ा।
तीन घंटे लाइन में लगकर पर्ची बनावा रहे लोग
मरीजों की परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। जैसे ही उन्हें ओपीडी की पर्ची मिली, उन्हें पता चला कि डॉक्टर की शिफ्ट पूरी हो चुकी है। जादोपुर के बंगरा गांव से आई कांति देवी ने बताया कि उन्होंने तीन घंटे लाइन में लगकर पर्ची तो बनवाई, लेकिन डॉक्टर से मिल नहीं सकीं। बसडीला गांव के रंजन कुमार ने कहा कि उन्हें कुत्ते के काटने के बाद आवश्यक इंजेक्शन नहीं मिल सका, क्योंकि डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे।
सिविल सर्जन को फोन कर शिकायत दर्ज कराई
अस्पताल की इस अव्यवस्था से नाराज़ मरीजों के परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ. बीरेंद्र प्रसाद को फोन कर शिकायत दर्ज कराई। सिविल सर्जन ने इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन फिलहाल अस्पताल की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को पहले से जानकारी
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को पहले से ही जानकारी थी कि भीषण गर्मी के चलते बीमारियों का खतरा बढ़ेगा, लेकिन इसके बावजूद न तो अतिरिक्त डॉक्टरों की तैनाती की गई और न ही प्राथमिक जांच और दवा वितरण के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई।गर्मी का असर सिर्फ स्वास्थ्य पर नहीं, स्वास्थ्य सेवाओं की कार्यक्षमता पर भी भारी पड़ रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या और डॉक्टरों की कमी ने गोपालगंज के चिकित्सा ढांचे की कमज़ोरियों को उजागर कर दिया है।