Bihar worker In Saudi Arab: नीतीश जी कुछ किजिए! सऊदी अरब में फंसे कई बिहारी मजदूर, 8 महीनों से नहीं मिल रहा वेतन, छुट्टी पर भी लगी रोक
Bihar worker In Saudi Arab: सऊदी अरब के यानबू शहर में बिहार और यूपी के 300 से अधिक मजदूर वेतन न मिलने और अमानवीय हालात में फंसे हैं। परिवारों ने भारत सरकार से अपील की है कि उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए।

Bihar worker In Saudi Arab: सऊदी अरब के यानबू शहर में स्थित एक निजी कंपनी में काम कर रहे बिहार और उत्तर प्रदेश के 300 से अधिक भारतीय मजदूर गंभीर संकट में हैं। इनमें शामिल हैं गोपालगंज के मांझा प्रखंड के कविलाशपुर गांव निवासी शाह आलम, जो आठ महीनों से वेतन नहीं मिलने और अमानवीय हालात में जीवन गुजारने को मजबूर हैं।
शाह आलम, जो पांच साल पहले बेहतर रोज़गार की तलाश में सऊदी अरब गया था, अब कर्ज़ के बोझ और टली हुई शादी के साथ एक मानसिक और भावनात्मक त्रासदी झेल रहा है।
वीडियो के ज़रिए भारत सरकार से लगाई गुहार
सऊदी अरब में फंसे शाह आलम और अन्य मजदूरों ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए भारत सरकार और दूतावास से मदद की अपील की है। वीडियो में शाह बताते हैं कि:
उन्हें 8 महीने से वेतन नहीं मिला है
कंपनी की ओर से छुट्टी भी नहीं दी जा रही
भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब है – केवल चावल-दाल में गुजर
कंपनी प्रबंधन से संपर्क बेअसर साबित हो रहा है
इस वीडियो को अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से शेयर किया जा रहा है, ताकि सरकार का ध्यान इस मानवीय संकट की ओर जाए।
परिवार का दुख: “बेटा ही कमाने वाला था, अब उम्मीद भी नहीं बची”
शाह आलम की मां शायदा खातून और पिता इम्तेयाज आलम ने मीडिया से बात करते हुए आंखों में आंसू और दिल में पीड़ा के साथ कहा कि पांच साल से बेटा बाहर है। सोचा था इस बार ईद के बाद उसकी शादी कराएंगे। लेकिन अब तो शादी भी कैंसिल हो गई। सरकार से हाथ जोड़कर मांग करती हूं कि मेरा बेटा सलामत लौट आए।”
अकेला शाह नहीं, कई और मजदूर भी फंसे
शाह आलम की ही तरह गोपालगंज के कई अन्य मजदूर भी उसी कंपनी में फंसे हुए हैं। इन मजदूरों के नाम हैं:
दिलीप चौहान (फतेहपुर)
शलेश कुमार (दहीभत्ता)
बैजनाथ साह (गढ़ धमापाकड़)
ओमप्रकाश (बालेपुर बथुआ)
बलिंदर सिंह (एकडंगा भगवानपुर)
शैलेश चौहान (राजेंद्र नगर)
ये सभी मजदूर लगभग समान परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे हैं, और उनके परिवार भी बिहार में भय और निराशा से घिरे हुए हैं।
श्रम विभाग ने मानी मजदूरों की स्थिति, कार्रवाई शुरू
बिहार श्रम अधीक्षक सुबोध कुमार ने कहा कि हमने फंसे मजदूरों के नियोजक की पहचान कर ली है। विभागीय स्तर पर प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द भारत वापस लाया जा सके।”सरकार ने दूतावास और विदेश मंत्रालय के माध्यम से प्रक्रियाएं तेज करने का संकेत दिया है, लेकिन परिवारों की चिंता तब तक कम नहीं होगी जब तक मजदूर वतन लौट नहीं आते।