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सुहागन महिलाओं को क्यों पहननी चाहिए कांच की चूड़ियां? वजह जानकर रह जाएंगे हैरान..

दादी-नानी की बातों के पीछे गहरी धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं छिपी होती हैं। कांच की चूड़ियां सुहागिन महिलाओं के लिए न सिर्फ श्रृंगार का हिस्सा हैं, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।

कांच की चूड़ियां

हिंदू धर्म में स्त्रियों के लिए कांच की चूड़ियों को विशेष महत्व दिया गया है। यह न केवल सुहागिन महिलाओं के सोलह श्रृंगार का हिस्सा हैं, बल्कि इनके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं। दादी-नानी हमेशा चूड़ियां पहनने पर जोर देती हैं। आइए, जानते हैं कि उनकी इस बात के पीछे क्या वजहें हैं।


धार्मिक महत्व

चूड़ियों को हिंदू धर्म में शुभ और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।


सुहाग का प्रतीक

कांच की चूड़ियां विवाहित स्त्रियों के सुहाग का प्रतीक हैं। जैसे सिंदूर और मंगलसूत्र का महत्व है, वैसे ही चूड़ियों का भी है।


सकारात्मक ऊर्जा

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, चूड़ियां पहनने से महिलाओं के आसपास सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। विभिन्न रंगों की चूड़ियां अलग-अलग ऊर्जा को आकर्षित करती हैं।


परंपरा और संस्कार

यह परंपरा सदियों पुरानी है। दादी-नानी का मानना है कि हाथों में चूड़ियां न पहनने से घर और परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


वैज्ञानिक महत्व 

कांच की चूड़ियां पहनने के पीछे धार्मिक कारणों के साथ-साथ वैज्ञानिक तथ्य भी जुड़े हुए हैं।


ब्लड सर्कुलेशन में सुधार 

कांच की चूड़ियां पहनने से हाथों की कलाई पर घर्षण होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।


पॉजिटिव एनर्जी का संरक्षण

कांच की चूड़ियों की रिंग शेप शरीर से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा को वापस बॉडी में भेजती है। यह ऊर्जा मानसिक शांति और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।


हीलिंग प्रक्रिया को तेज करती हैं

चूड़ियां पहनने से शरीर का हीलिंग सेंटर एक्टिवेट होता है। यह तनाव कम करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक है।


दादी-नानी की सीख

दादी-नानी कहती हैं कि महिलाएं अपने हाथ खाली न रखें। यह बात न केवल धार्मिक मान्यता पर आधारित है, बल्कि इसमें महिलाओं के स्वास्थ्य और जीवनशैली का भी ख्याल रखा गया है।


आधुनिक परिप्रेक्ष्य में चूड़ियों का महत्व

आज के समय में भले ही परंपराओं का पालन कम होता जा रहा हो, लेकिन कांच की चूड़ियां पहनना महिलाओं के स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा के लिए फायदेमंद है।


निष्कर्ष

कांच की चूड़ियां पहनना केवल परंपरा नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक संतुलन के लिए भी जरूरी है। दादी-नानी की बातें भले ही हमें पुराने जमाने की लगें, लेकिन उनमें छिपे वैज्ञानिक और धार्मिक तथ्य आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।




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