छठ महापर्व की शुरूआत 5 नवंबर से हो जाएगी। इस त्योहार पर सूर्य देवता की पूजा की जाती है। महिलाएं या पुरुष इस खास पर्व पर व्रत रखती हैं। हालांकि, जिन लोगों को पहले ही डायबिटीज की समस्या होती है, उनके लिए ये पर्व चुनौतियां लेकर आता है। छठ के दौरान ठेकुआ जैसी हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों को खाते हैं। इनसे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों को छठ पर्व के दौरान अपनी हेल्थ का खास ध्यान रखना चाहिए। इस मौके पर थोड़ी सी लापरवाही हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकती है। दीपावली से जो मिठा खाने की शुरूआत होती है वो छठ तक चलते रहती है। वहीं, डायबिटीज वालों को छठ पूजा के दौरान किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, चलिए जानते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, जिन्हें डायबिटीज है उन्हें छठ में निर्जल व्रत नहीं रखना चाहिए। छठ व्रत के दौरान लंबे समय तक बिना कुछ खाए-पिए रहना पड़ता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए हानिकारक होता है। छठ पूजा के दौरान ठेकुआ, चूड़ा और गुड़ खाया जाता है। इन्हें सीमित मात्रा में खाना चाहिए। ज्वार, बाजरा और साबुत अनाज जैसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों को खाएं। ये सारी फूड जो हैं धीरे-धीरे पचाते हैं जो लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता है। इसके साथ ही ये ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है।
सबसे जरूरी बात कि छठ पूजा के दौरान अपने ब्लड शुगर की नियमित जांच करें। अगर आपका ब्लड शुगर ज्यादा या कम हो गया है, तो डॉक्टर की सलाह लें। हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह से उचित दवा लें। डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को ध्यान रखना चाहिए कि वे भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट रहेगी और पानी की कमी नहीं होगी। इससे ब्लड शुगर भी कंट्रोल भी रहेगा। डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वह अपने स्वास्थ्य के अनुकूल चीजों को ही शामिल करें। चीनी की जगह सीमित मात्रा में गुड़ का इस्तेमाल करें। गुड़ के सेवन से शरीर में एनर्जी मिलती है। यह ब्लड शुगर के लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है।