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क्या यूरीन में झाग आना सामान्य है? जानिए कौन-कौन से टेस्ट कराने चाहिए

यूरीन में झाग आना, जलन या रंग का बदलना कई स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करता है। यह किडनी, डायबिटीज, या यूरिन इंफेक्शन से संबंधित हो सकता है। जानिए, इन लक्षणों को नजरअंदाज क्यों नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से कब संपर्क करें।

यूरीन में झाग

यूरीन में झाग आना कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। झाग बनने के पीछे कई स्वास्थ्य कारण हो सकते हैं, जिनमें किडनी की समस्या, डायबिटीज, या यूरिन इंफेक्शन प्रमुख हैं। डॉक्टर से संपर्क करना और सही टेस्ट कराना बहुत जरूरी है।


पेशाब में झाग आने के कारण:

प्रोटीन का ज्यादा मात्रा में निकलना:

किडनी सही तरीके से फिल्ट्रेशन नहीं करती है तो पेशाब में प्रोटीन की अधिक मात्रा आ सकती है। इसे मेडिकल भाषा में प्रोटीनुरिया कहा जाता है, जो पेशाब में झाग का कारण बनता है।


किडनी की समस्या:

अगर किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है, तो यह पेशाब में झाग का मुख्य कारण हो सकता है। क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का यह लक्षण हो सकता है।


डायबिटीज:

डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ब्लड शुगर का लेवल अधिक होने पर पेशाब में झाग बनने लगता है। यह डायबिटिक नेफ्रोपैथी का संकेत हो सकता है।


यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI):

यूरिन इंफेक्शन या प्रोस्टेट की समस्या भी झाग का कारण हो सकती है। इसमें पेशाब के दौरान जलन, दर्द या बार-बार पेशाब आना भी शामिल हो सकता है।


पेशाब में झाग आने पर कौन-कौन से टेस्ट जरूरी हैं?

यूरीन रूटीन टेस्ट:

इससे पेशाब में प्रोटीन, ग्लूकोज और अन्य तत्वों की जांच होती है।


ब्लड टेस्ट (किडनी फंक्शन टेस्ट):

किडनी की कार्यक्षमता जांचने के लिए यह टेस्ट जरूरी है।


माइक्रोएलब्यूमिन टेस्ट:

यह पेशाब में प्रोटीन की मात्रा की जांच करता है।


अल्ट्रासाउंड:

किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट की संरचना और स्थिति को जानने के लिए अल्ट्रासाउंड किया जाता है।


डॉक्टर से कब संपर्क करें?

अगर पेशाब में बार-बार झाग आ रहा हो। पेशाब का रंग गहरा पीला, लाल या असामान्य हो। पेशाब के दौरान जलन, दर्द या असुविधा महसूस हो। शरीर में सूजन या थकान का अनुभव हो।

निष्कर्ष:

पेशाब में झाग आना कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन बार-बार ऐसा होना गंभीर समस्या का संकेत है। इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से परामर्श लें। सही समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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