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घी है दुनिया का सबसे शुद्ध खाद्य पदार्थ, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर्स..

घी, भारतीय परंपरा और विज्ञान का अभिन्न हिस्सा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि इसे सीमित मात्रा में सही तरीके से इस्तेमाल करने पर यह शरीर और मन दोनों के लिए अमृत साबित हो सकता है।

घी के फायदे

घी भारतीय परंपरा और रसोई का एक अमूल्य हिस्सा है। यह न केवल हमारी संस्कृति से जुड़ा है, बल्कि आधुनिक विज्ञान भी इसे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी मानता है।


घी: शुद्धतम पदार्थ क्यों?

विशेषज्ञों के अनुसार, घी का शुद्धतम रूप वही होता है जो पारंपरिक भारतीय विधि से बनाया जाता है। इसमें केवल दूध, दही, और मक्खन का उपयोग किया जाता है। सर गंगाराम अस्पताल की पूर्व क्लीनिकल डायटीशियन, डॉ. मुक्ता वशिष्ठ बताती हैं कि घी में सैचुरेटेड फैट, ब्यूटैरिक एसिड और ओलिक एसिड पाया जाता है। ये तत्व सीमित मात्रा में सेवन करने पर शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।


सेहत के लिए फायदेमंद

घी में विटामिन ए, डी, ई, और के जैसे वसा-घुलनशील विटामिन होते हैं। ये विटामिन इम्यूनिटी को बढ़ाने और त्वचा में निखार लाने में मदद करते हैं। घी में मौजूद मीडियम चेन फैटी एसिड पाचन को आसान बनाता है। इसकी खासियत यह है कि यह शरीर में वसा के रूप में जमा नहीं होता, जिससे यह वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है।


घी से बचाव और उपचार

घी के एंटीऑक्सिडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड, हृदय रोग, डायबिटीज, और अन्य क्रोनिक बीमारियों से बचाव में मदद करते हैं। यह मस्तिष्क को तेज बनाने, हड्डियों को मजबूत करने और त्वचा की चमक बढ़ाने में भी सहायक है।


सावधानी जरूरी

क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, डॉ. प्रियंका रोहतगी बताती हैं कि घी को हल्की आंच पर ही गर्म करना चाहिए। अत्यधिक गर्म करने पर इसके शॉर्ट चेन फैटी एसिड ऑक्सीडाइज हो जाते हैं, जिससे यह हानिकारक फ्री रेडिकल्स पैदा कर सकता है। इससे हार्ट, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


घी की सही मात्रा

विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना 1-2 चम्मच (15-30 मिलीलीटर) घी का सेवन सुरक्षित और लाभकारी है। अत्यधिक मात्रा में सेवन से वसा और कैलोरी की अधिकता के कारण नुकसान हो सकता है।


निष्कर्ष:

घी को सही मात्रा और विधि से सेवन करने पर यह शरीर और मन दोनों के लिए अमृत के समान है। यह न केवल शुद्धतम खाद्य पदार्थ है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य को मजबूत बनाने का भी एक प्राकृतिक उपाय है।

(अपनी रसोई में घी को शामिल करें, लेकिन सीमित मात्रा और पारंपरिक विधि का ध्यान रखें। यह शुद्धता और पोषण का अनमोल स्रोत है।)

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