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सावधान! महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों को कैसे पहचानें और बचाव के उपाय

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं? हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण सीने में तेज दर्द माना जाता है, लेकिन महिलाओं में ये लक्षण कुछ खास तरीके से दिखाई दे सकते हैं। जानिए महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक आमतौर पर सीने में तीव्र दर्द के रूप में पहचाना जाता है, लेकिन महिलाओं में यह लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं, और अक्सर कम समझे जाते हैं। यही कारण है कि महिलाओं को अक्सर समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उनका स्वास्थ्य और बिगड़ सकता है। इस लेख में हम महिलाओं में हार्ट अटैक के कुछ सामान्य और अलग लक्षणों के बारे में बात करेंगे और इससे बचाव के उपायों पर भी ध्यान देंगे।


महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से कुछ अलग हो सकते हैं। आमतौर पर पुरुषों में सीने में दर्द प्रमुख लक्षण होता है, जबकि महिलाओं में ये लक्षण भिन्न हो सकते हैं। महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

थकान: महिलाओं को हार्ट अटैक के पहले सामान्य थकान महसूस हो सकती है, जो उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा डालती है। यह थकान अचानक महसूस हो सकती है और लंबे समय तक बनी रह सकती है।

सांस लेने में कठिनाई: हल्का काम करने पर भी सांस फूलना और अधिक थकान का अनुभव होना हार्ट अटैक का एक सामान्य लक्षण हो सकता है।

पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द: यह दर्द कभी-कभी बाएं हाथ में भी महसूस हो सकता है। यह लक्षण महिलाओं में आमतौर पर हार्ट अटैक से पहले दिखाई देते हैं।

मतली और उल्टी: महिलाओं में हार्ट अटैक के दौरान मतली और उल्टी महसूस हो सकती है, जो अक्सर हल्के पेट के दर्द के साथ होती है।

चक्कर आना और बेहोशी: हार्ट अटैक के दौरान, दिल की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे चक्कर आ सकते हैं या व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।

अचानक पसीना आना: हार्ट अटैक के दौरान ठंडा पसीना आना एक आम लक्षण हो सकता है। यह लक्षण विशेष रूप से रात में दिखाई दे सकता है।

अजीब सी बेचैनी: महिलाओं में हार्ट अटैक से पहले शरीर में असहजता या बेचैनी का अहसास हो सकता है।

पेट में दर्द: महिलाओं में हार्ट अटैक के दौरान पेट में दर्द महसूस हो सकता है या पेट के आसपास दबाव महसूस हो सकता है।


हार्ट अटैक के कारण

महिलाओं में हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं। इनमें प्रमुख हैं:

हाई ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल: उच्च कोलेस्ट्रॉल रक्त वाहिकाओं में प्लेग जमा कर सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और दिल पर दबाव बढ़ता है।

डायबिटीज: डायबिटीज से शरीर की रक्त वाहिकाएं कमजोर हो सकती हैं, जिससे दिल के रोगों का खतरा बढ़ता है।

स्मोकिंग: तंबाकू का सेवन दिल की धमनियों को संकुचित कर सकता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

मोटापा और तनाव: अत्यधिक वजन और तनाव भी दिल के रोगों का कारण बन सकते हैं।


बचाव के उपाय

महिलाओं में हार्ट अटैक से बचने के लिए कुछ आसान और प्रभावी उपाय हैं:

स्वस्थ आहार: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों से भरपूर आहार लें।

नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।

वजन नियंत्रण: स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें।

धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान छोड़ने से दिल की बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है।

नियमित स्वास्थ्य जांच: नियमित रूप से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का पालन करें।

स्ट्रेस मैनेजमेंट: योग, ध्यान, और अन्य तनाव कम करने वाली तकनीकों का अभ्यास करें।


निष्कर्ष

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं, और इन्हें पहचानने में अक्सर देर हो जाती है। यह महत्वपूर्ण है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और हार्ट अटैक के लक्षणों को अनदेखा न करें। सही समय पर उपचार से जीवन बचाया जा सकता है, और इससे संबंधित जोखिमों को कम किया जा सकता है।

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