खीरा हमारी डाइट में शामिल एक बेहद पौष्टिक और ताजगी भरा फल है, लेकिन इसकी खेती के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशकों के कारण यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र, नियामतपुर की पादप सुरक्षा विभाग की विशेषज्ञ का कहना है कि खीरे की खेती में कीटनाशकों का अनियंत्रित उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
खीरे की फसल में कीटनाशकों का इस्तेमाल
खीरा और ककड़ी की फसल में फल भेदक कीट का प्रकोप अधिक होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, खीरा जब वानस्पतिक अवस्था में हो, तब इमिडाक्लोप्रिड 17.8% का छिड़काव करना चाहिए। 2 मिली दवा को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। छिड़काव 5% से 10% फूल आने के समय किया जाए तो फसल को नुकसान नहीं होता। फलक अवस्था (फल बनने के बाद) में किसी भी तरह का रासायनिक कीटनाशक न लगाएं, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
कीट प्रकोप में नीम आधारित उपाय
फलक अवस्था में अगर कीटों का हमला हो:
नीम उत्पाद का उपयोग करें, जैसे नीम के तेल (3ml/लीटर पानी) या NSKE (Neem Seed Kernel Extract) 3%-5%। ये प्राकृतिक विकल्प कीट नियंत्रण में प्रभावी हैं और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं।
बाजार से खीरा खरीदने पर ध्यान दें
अगर आप बाजार से खीरा खरीद रहे हैं, तो इसे खाने से पहले कुछ सावधानियां जरूर बरतें:
नमक का पानी: खीरे को 10 मिनट तक नमक मिले पानी में भिगोकर रखें।
सिरका का घोल: 1 लीटर पानी में 2 ढक्कन सिरका मिलाकर खीरे को डुबो दें और कुछ समय बाद साफ पानी से धो लें।
अच्छे से धोएं: खीरे को 2-3 बार साफ पानी से धोने के बाद ही खाएं।
खीरा खाने से जुड़े स्वास्थ्य लाभ
खीरा न केवल शरीर को हाइड्रेट रखता है बल्कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर पाचन को बेहतर बनाते हैं। हालांकि, कीटनाशकों से बचने के लिए उपरोक्त सावधानियां बेहद जरूरी हैं।
खीरे की फसल में प्राकृतिक कीटनाशक का उपयोग और बाजार से लाए गए खीरे की उचित सफाई करना स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है। डॉ. नूतन वर्मा की सलाह के अनुसार, सावधानी बरतकर खीरे को स्वास्थ्यवर्धक बनाया जा सकता है।