सर्दियों का मौसम आ गया है। कुछ ही दिनों में कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। ठंड बहुत से लोगों का पसंदीदा मौसम है। लेकिन इस मौसम में सेहत को लेकर थोड़ा अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है। सर्दियों में धूप कम निकलने के कारण बॉडी में विटामिन D की कमी हो जाती है। इससे इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है और हमें कई तरह की बीमारियां घेर सकती हैं।
इसके अलावा सर्दियों का मौसम वायरस और बैक्टीरिया के लिए अनुकूल होता है। इस मौसम में वे ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। ऐसे में कई बार थोड़ी-सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। इससे शरीर के नेचुरल प्रोसेस पर असर पड़ता है और थकान महसूस होती है। धूप की कमी से शरीर में मेलाटोनिन हॉर्मोन ज्यादा बनता है, जिससे नींद आती है और शरीर में सुस्ती बनी रहती है।
सर्दियों में शुष्क हवा के कारण लोगों का रेस्पिरेटरी और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इससे सर्दी-ज़ुकाम, फ्लू, खांसी और पाचन संबंधी समस्याएं होना काफी आम है। ठंड में लोग ज्यादातर घरों के अंदर रहते हैं। इससे इन्फेक्शन फैलने का खतरा भी ज्यादा होता है। ठंड में जैसे-जैसे तापमान गिरता है, सर्दी, फ्लू और अन्य संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसमें मसल्स में दर्द, ठंड लगना, सिरदर्द, नाक बहना, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा सर्दियों में हार्ट की नसों में ब्लड जमने लगता है। इससे हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं हो पाता है। यही वजह है कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। इसके अलावा सर्दियों में होने वाली कुछ आम बीमारियां हैं, जैसे कॉमन कोल्ड, फ्लू (इन्फ्लूएंजा), ब्रोंकाइटिस (बलगम जमना), गला खराब होना, ठंड लगना, वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस शामिल है।