महिलाओं में होने वाला सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर समस्या है, जो हर साल हजारों महिलाओं की जान लेता है। गर्भाशय का सर्विक्स हिस्सा, जहां से बच्चा मां के योनी मार्ग द्वारा बाहर आता है, इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित होता है।
क्या है सर्वाइकल कैंसर?
गर्भाशय के कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है। यह कैंसर मुख्य रूप से ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है। सर्विक्स महिलाओं के योनी मार्ग और गर्भाशय को जोड़ने वाला हिस्सा है। जब यहां असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि होती है, तो यह कैंसर का रूप ले सकती है।
लक्षण और पहचान के तरीके
फोर्टिस अस्पताल की गायनी ऑन्कोसर्जरी विभाग की डॉ. प्रिया बंसल के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं: अनियमित ब्लीडिंग, पीरियड के अतिरिक्त ब्लीडिंग, सेक्स के दौरान दर्द या ब्लीडिंग, योनी मार्ग से असामान्य स्राव, यदि इन लक्षणों को समय पर पहचाना जाए, तो यह बीमारी शुरुआती चरण में ही नियंत्रित की जा सकती है।
किसे है ज्यादा खतरा?
सर्वाइकल कैंसर का खतरा हर महिला को होता है, लेकिन कुछ महिलाओं में इसका जोखिम अधिक होता है:
कई सेक्सुअल पार्टनर्स: जिन महिलाओं के कई पार्टनर्स होते हैं, उनमें इस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कमजोर इम्यूनिटी: जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, वे इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं।
जीवनशैली में बदलाव: धूम्रपान, अस्वास्थ्यकर आहार, और व्यायाम की कमी भी जोखिम बढ़ाते हैं।
रोकथाम और इलाज
सर्वाइकल कैंसर का निदान तीन प्रमुख तरीकों से हो सकता है:
सर्जरी: शुरुआती चरण में ही कैंसर का पता चलने पर इसे सर्जरी से हटाया जा सकता है।
कीमोथेरेपी और रेडिएशन: उन्नत चरणों में इन उपचारों का उपयोग किया जाता है।
टीकाकरण: यह एकमात्र कैंसर है, जिसका टीकाकरण के माध्यम से पूरी तरह से रोकथाम संभव है।
जागरूकता क्यों जरूरी है?
जनवरी को 'सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह' के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को इस बीमारी के लक्षण, कारण, और रोकथाम के उपायों के बारे में शिक्षित करना है। नियमित पाप स्मीयर टेस्ट और HPV वैक्सीन के माध्यम से इस बीमारी को काफी हद तक रोका जा सकता है।
निष्कर्ष
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं की एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है, लेकिन सही जानकारी और समय पर निदान से इसे पूरी तरह से रोका जा सकता है। हर महिला को नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण पर ध्यान देना चाहिए, ताकि वे इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें।
नोट: यह लेख केवल जागरूकता के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।