Bihar News: बुद्ध की प्रतिमाओं ने खोले इतिहास के बंद दरवाज़े,लाली पहाड़ी में मचा हड़कंप, खुदाई में बदल गई धार्मिक पहचान

Bihar News: लखीसराय में जमीन की खुदाई में भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्तियां मिलीं हैं, इससे पाल साम्राज्य के गौरवशाली इतिहास का खुलासा होने की उम्मीद है।

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बुद्ध की प्रतिमाओं ने खोले इतिहास के बंद दरवाज़े- फोटो : Reporter

Bihar News:  लखीसराय के लाली पहाड़ी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक खोज ने सबको चौंका दिया है। निजी जमीन पर मिट्टी की खुदाई के दौरान दो दुर्लभ और बेशकीमती मूर्तियां मिली हैं, जिन्हें भगवान बुद्ध की प्राचीन प्रतिमाएं माना जा रहा है। ये मूर्तियां पाल साम्राज्य काल (8वीं से 12वीं शताब्दी) की बताई जा रही हैं, जो बौद्ध धर्म और मूर्तिकला के सुनहरे दौर को दर्शाती हैं। इस खोज के बाद इलाके में उत्साह और कौतूहल का माहौल है, क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में और भी प्राचीन अवशेष छिपे हो सकते हैं।

जमीन के मालिक विनायक कुमार ने बताया कि वे अपनी निजी जमीन पर सामान्य खुदाई करवा रहे थे, तभी अचानक दो शानदार मूर्तियां सामने आईं। इन मूर्तियों की खोज ने पूरे क्षेत्र में सनसनी मचा दी, और देखते ही देखते आसपास के लोग मौके पर जुट गए। विनायक ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद पुरातत्व विभाग को इसकी जांच के लिए बुलाया गया। 

विशेषज्ञों के अनुसार, ये मूर्तियां पाल साम्राज्य की तंत्रयान-प्रभावित मूर्तिकला की शानदार कृति हैं। इनमें जटिल नक्काशी, बेल-बूटों की सजावट और अलंकृत अभिव्यक्ति देखने को मिलती है, जो उस युग की कला की विशेषता थी। मूर्तियों में नैसर्गिक सुंदरता के बजाय चमत्कारिक और अलंकारिक शैली हावी है, जो पाल कालीन बुद्ध प्रतिमाओं की पहचान है। हालांकि, शुरुआत में इन्हें भगवान विष्णु की मूर्तियां समझा गया, लेकिन गहन जांच में इनमें बौद्ध चिह्न स्पष्ट दिखाई दिए, जबकि विष्णु की प्रतिमाओं जैसे कोई लक्षण नहीं मिले। 

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लखीसराय का लाली पहाड़ी क्षेत्र ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। ये मूर्तियां इस बात का ठोस प्रमाण हैं कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र था। पुरातत्वविदों का मानना है कि यदि इस क्षेत्र में व्यवस्थित खुदाई की जाए, तो और भी कई प्राचीन मूर्तियां और अवशेष मिल सकते हैं, जो पाल साम्राज्य और बौद्ध संस्कृति के गौरवशाली इतिहास को उजागर करेंगे। 

इन मूर्तियों को सुरक्षित रखा गया है और पुरातत्व विभाग इनकी गहन जांच कर रहा है। विशेषज्ञों की टीम यह पता लगाने में जुटी है कि क्या ये मूर्तियां किसी प्राचीन मंदिर या विहार का हिस्सा थीं। साथ ही, इस खोज ने लाली पहाड़ी क्षेत्र में पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग को और तेज कर दिया है। 

इस सनसनीखेज खोज ने न केवल लखीसराय, बल्कि पूरे देश के इतिहास प्रेमियों और पुरातत्वविदों का ध्यान खींचा है। क्या यह खोज बौद्ध धर्म के प्राचीन वैभव को फिर से जीवंत करेगी? यह तो समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल ये मूर्तियां इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ने को तैयार हैं।

रिपोर्ट- कमलेश कुमार