दिवाली त्योहार में बस 1 दिन बचे हैं। हर बार की तरह इस बार भी लोग बड़े धूमधाम के साथ इस पर्व को सेलिब्रेट करेंगे। चारों तरफ रोशनियां, दीए व मोमबत्तियां दिखेंगी और खुशी का माहौल होगा। लोग ढेर सारे पटाखे भी जलाएंगे। लेकिन इस दौरान हमारे घर की खुशियां मातम में न बदलें, इसके लिए हमें आग से बचने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
हर साल दिवाली पर कई ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं, जो हमारा दिल दहला देती हैं। दरअसल हम दीए सजाते या पटाखे जलाते समय सतर्क नहीं रहते हैं, जिसकी वजह से आग लग जाती है और खुशी का त्योहार मातम में बदल जाता है। दिवाली पर आग से होने वाली दुर्घटनाओं की बात करें तो अग्निशमन विभाग के मुताबिक, साल 2023 में अकेले दिल्ली में दिवाली के दिन 208 जगहों पर आग लगी थी। इसके अलावा देश के अन्य राज्यों से भी आग लगने की खबरें सामने आई थीं।
इसके अलावा नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2002 से 2010 के बीच दिवाली के दौरान और दिवाली के बाद के 3 दिनों में 1,373 मरीज इमरजेंसी बर्न केयर क्लिनिक में आए थे। इसलिए आज हम आपको बताएंगे की दिवाली पर आग से कैसे बचें।
इस दौरान आग लगने की सबसे बड़ी वजह पटाखे होते हैं। कुछ पटाखे तो ऐसे होते हैं, जिनकी चिंगारी हवा में उड़ते हुए किसी के घर में घुस जाती है और तबाही मचा देती है। अगर खुद पटाखे जला रहे हैं तो भी थोड़ी सी असावधानी से आग लग सकती है या हम जल सकते हैं। इसके अलावा अगर हम घर में दीए या मोमबत्तियां जलाते वक्त सावधानी नहीं बरतते हैं तो ये भी आग की वजह बन सकती है।
आग लगने की एक बड़ी वजह ये भी है कि दिवाली पर घर में हर तरफ बहुत सारी लाइटें लगाई जाती हैं। दो-तीन मंजिला मकान भी ऊपर से लेकर नीचे एक रोशनी की झालरों से पटे होते हैं। दिवाली के दिन बिजली की ज्यादा खपत के कारण घर की वायरिंग पर लोड भी बढ़ता है। ऐसे में अगर वायरिंग सिस्टम मजबूत नहीं है तो इससे शॉर्ट सर्किट होने का भी खतरा होता है। इससे बचने के लिए सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
दिवाली पर आग लगने का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में हमें इसके लिए अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है। इस दिन रेशम, नायलॉन, पॉलिएस्टर से बने कपड़े न पहनें क्योंकि ये आसानी से आग पकड़ लेते हैं। इसकी जगह सूती कपड़े ही पहनें। पटाखे जलाने के लिए माचिस और लाइटर का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इनमें खुली लपटें होती हैं, जो खतरनाक हो सकती हैं।
दिवाली पर अगर दीए, पटाखों या शार्ट सर्किट से आग लग जाए तो सबसे पहले घबराएं नहीं। तुरंत 101 नंबर डायल करके फायर ब्रिगेड को इसकी जानकारी दें और तत्काल उस जगह से बाहर निकलने का प्रयास करें। आग लगने के दौरान की गई कुछ गलतियां हमें मौत के मुंह में धकेल सकती हैं। इसके लिए हमें सुरक्षा के कुछ नियम पता होने चाहिए।
दीए या मोमबत्ती को ऐसी जगह जलाएं, जहां आग पकड़ने वाली चीजें न हों। दीए जलाकर उसे बिजली के तारों के पास, इन्वर्टर, गाड़ी, सिंथेटिक कपड़े के पर्दों के पास न रखें। दीए या मोमबत्ती को समतल जगह पर रखें, जहां उनका बैलेंस ठीक हो। अगर घर में छोटे बच्चे हैं तो दीपक थोड़ी ऊंचाई पर रखें, जहां उनका हाथ न पहुंच सके। तेज हवा चल रही हो तो दीए या मोमबत्ती को बाहर जलाकर न रखें। दीए जलाकर किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर न रखें। दीए या मोमबत्ती जलाते समय हाथों में सैनिटाइजर नहीं लगा होना चाहिए। सैनिटाइजर में मौजूद एल्कोहल आग पकड़ लेता है। दीए या मोमबत्ती जलाने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छे से धो लें। अगर कोई जल जाए तो तुरंत प्राथमिक उपचार दें।