Bihar News: जमालपुर में दो नए प्लेटफॉर्म, हाईस्पीड ट्रेनें, मालदा मंडल का सबसे बड़ा यार्ड, बिहार की रफ्तार को लगेंगे पंख
Bihar News: अब रेल की रफ्तार और रौनक दोनों बढ़ने वाली है! दो नए प्लेटफॉर्म, हाईस्पीड ट्रेनें, और मालदा मंडल का सबसे बड़ा रेल कोचिंग व गुड्स यार्ड—जमालपुर अब रेलवे के नक्शे पर चमकने को तैयार है।

Bihar News: मुंगेर के जमालपुर रेलवे स्टेशन पर अब रेल की रफ्तार और रौनक दोनों बढ़ने वाली है! मालदा रेल मंडल के डीआरएम यतीश कुमार ने हाल ही में स्टेशन का दौरा किया और अमृत भारत योजना के तहत चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया। दो नए प्लेटफॉर्म, हाईस्पीड ट्रेनें, और मालदा मंडल का सबसे बड़ा रेल कोचिंग व गुड्स यार्ड—जमालपुर अब रेलवे के नक्शे पर चमकने को तैयार है। लेकिन ये सब इतना आसान नहीं, क्योंकि रेलवे का हर प्रोजेक्ट अपने आप में एक तमाशा है! आइए, इस सनसनीखेज खबर को व्यंग्य के तड़के के साथ खोलकर देखें।
जमालपुर, जो पहले से ही मालदा रेल मंडल का अहम स्टेशन है, अब और बड़ा होने जा रहा है। डीआरएम यतीश कुमार ने ऐलान किया कि स्टेशन पर दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाने की योजना है। इसके लिए जगह तलाशी जा रही है, और जल्द ही निर्माण शुरू होगा। ये तो वही बात हुई कि "जमालपुर स्टेशन अब और मेहमानों का स्वागत करने को तैयार है!इतना ही नहीं, भागलपुर के बाद मालदा मंडल का सबसे बड़ा रेल कोचिंग और गुड्स यार्ड जमालपुर में काली पहाड़ी की तराई में बन रहा है। इसकी लागत है 15.38 करोड़ रुपये। ये यार्ड न सिर्फ माल ढुलाई को आसान बनाएगा, बल्कि कोचिंग सुविधाओं को भी बढ़ाएगा। यानी, अब मालगाड़ियां और पैसेंजर ट्रेनें दोनों जमालपुर में "पार्टी" करेंगी. डीआरएम ने बड़ा दावा किया कि जल्द ही जमालपुर से कई महानगरों के लिए नई ट्रेनें शुरू होंगी, और ये ट्रेनें हाईस्पीड होंगी। अभी इस रेलखंड पर ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन जल्द ही इसे बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटा किया जाएगा। ये तो वही बात हुई कि "अब जमालपुर से दिल्ली तक की यात्रा में चाय की चुस्कियां कम लगेंगी!" लेकिन सवाल ये है कि क्या बिहार के रेलखंड इस रफ्तार को झेल पाएंगे, या फिर ये सिर्फ कागजी रफ्तार रहेगी?
मालदा टाउन से किउल तक तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाने का काम भी जोरों पर है। डीआरएम के मुताबिक, सर्वे पूरा हो चुका है, और डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनते ही काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, जमालपुर-किउल रेलखंड पर तीसरी-चौथी लाइन के लिए मिट्टी भराई का काम भी शुरू हो चुका है। ये लाइनें न सिर्फ ट्रेनों की आवाजाही बढ़ाएंगी, बल्कि जाम की समस्या को भी कम करेंगी। लेकिन बिहार में रेलवे प्रोजेक्ट्स का इतिहास देखें, तो ये सपना कितना जल्दी हकीकत बनेगा, ये देखना बाकी है।
जमाल अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत जमालपुर स्टेशन का रीमॉडलिंग कार्य तेजी से चल रहा है। डीआरएम ने बताया कि पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है, और अप्रैल 2025 तक बाकी काम भी निपट जाएंगे। इसमें 12 मीटर चौड़ा फुट ओवर ब्रिज, दो मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग, एस्केलेटर, लिफ्ट, और फूड प्लाजा जैसी सुविधाएं शामिल हैं। यानी, अब जमालपुर स्टेशन सिर्फ स्टेशन नहीं, बल्कि मॉल जैसा दिखेगा! लेकिन गंदगी और अतिक्रमण की समस्या पर डीआरएम ने नाराजगी जताई और अधिकारियों को साफ-सफाई का आदेश दिया। ये तो वही बात हुई कि "चमक तो आएगी, लेकिन पहले कचरा हटाओ!
जमालपुर-मुंगेर रेलखंड पर दोहरीकरण का काम भी जोरों पर है। 1890 करोड़ रुपये की लागत से ये प्रोजेक्ट पूरा होगा। इससे न सिर्फ ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि गुड्स ट्रेनों का परिचालन भी तेज होगा, जिससे रेलवे को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। मुंगेर रेल पुल के दोहरीकरण की भी योजना है, जो इस रेलखंड की क्षमता को और बढ़ाएगा।
रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान