Bihar Election 2025 : बिहार के इस विधानसभा क्षेत्र में 9 बार के विजेता का किला ढहा, बीजेपी और कांग्रेस को अब भी जीत का इंतज़ार

Bihar Election 2025 : बिहार के इस विधानसभा क्षेत्र में 9 बार

MUZAFFARPUR : जिले के पूर्वी अनुमंडल में शहर से सटी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बोचहां विधानसभा सीट का अपना एक समृद्ध और उतार-चढ़ाव भरा राजनीतिक इतिहास रहा है। बोचहां एवं मुशहरी प्रखंड की 35 पंचायतों से मिलकर बने इस क्षेत्र में कुल 2.83 लाख मतदाता हैं। इस क्षेत्र के चुनावी नतीजे अब शहर से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों—अखाड़ाघाट से जीरो माइल और अहियापुर—तक के मोहल्लों में हुए विकास कार्यों पर निर्भर करते हैं, जिन्होंने शहरी स्वरूप ले लिया है। 

रमई राम का अभेद्य गढ़ और 2015 का निर्णायक मोड़

बोचहां विधानसभा 1967 में अस्तित्व में आई, जिसका इतिहास 1957 से 1962 तक मुजफ्फरपुर मुफस्सिल (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 63 के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर रमई राम का दशकों तक वर्चस्व रहा, जिन्होंने 1972 से 2010 के बीच अलग-अलग दलों (निर्दलीय, जनता पार्टी, लोकदल, जनता दल, राजद, जदयू) के टिकट पर कुल 9 बार जीत हासिल की। हालांकि 2015 के चुनाव में उनके विजय रथ को निर्दलीय उम्मीदवार बेबी कुमारी ने रोका। इसके बाद 2020 में विकासशील इंसान पार्टी VIP के मुसाफिर पासवान ने उन्हें 11,268 वोटों से हराकर इस सीट पर एक नया समीकरण स्थापित किया। 

2022 उपचुनाव राजद की बड़ी जीत और अमर पासवान का उदय

विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद 2022 में हुए उपचुनाव में यह सीट फिर सुर्खियों में आई। राष्ट्रीय जनता दल ने मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को मैदान में उतारा, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाया। इस कांटे की टक्कर में अमर पासवान ने बेबी कुमारी को 36,000 से अधिक वोटों के भारी अंतर से हराकर न केवल सीट पर RJD का परचम लहराया, बल्कि अपने दिवंगत पिता की राजनीतिक विरासत को भी मजबूती दी। 

वर्तमान चुनावी मुकाबला और राष्ट्रीय दलों का सूखा

आगामी चुनाव के लिए, बोचहां में फिर से मुख्य मुकाबला RJD के अमर पासवान और लोजपा ( रामविलास) की बेबी कुमारी के बीच है। बोचहां का चुनावी इतिहास इस मायने में भी अनोखा है कि इस सुरक्षित सीट पर आज तक देश के दो प्रमुख राष्ट्रीय दल—भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस—जीत का खाता नहीं खोल पाए हैं। कांग्रेस के उम्मीदवार 1967, 1969, 1977}, 1985 और 1990 में मैदान में उतरे, लेकिन कभी भी जीत हासिल नहीं कर सके। BJP ने पहली बार 2022 के उपचुनाव में बेबी कुमारी को टिकट दिया, लेकिन उन्हें करारी हार मिली। 

क्षेत्रीय मुद्दे जो तय करते हैं उम्मीदवारों का भविष्य

बोचहां की 2.83 लाख जनता के बीच इस विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों का भविष्य अब पारंपरिक जातीय समीकरणों के साथ-साथ विकास के मुद्दों से भी तय होता है। शहर की सीमा से सटे अहियापुर, जीरो माइल और अखाड़ाघाट जैसे इलाकों में शहरीकरण के बावजूद स्थानीय स्तर पर विकास और मूलभूत सुविधाओं की स्थिति ही मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करेगी।