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मुजफ्फरपुर में बढ़ता वायु प्रदूषण परेशानी का बनने लगा सबब, बीमारियों का बढ़ा खतरा, प्रशासन ने उठाए कड़े कदम

मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो हर साल 6 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि न केवल स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रही है। ...

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बढ़ता वायु प्रदूषण परेशानी का बनने लगा सबब- फोटो : Reporter

मुजफ्फरपुर शहर में वायु प्रदूषण अब भी एक गंभीर समस्या बना हुआ है। पिछले 20 दिनों से प्रदूषण की स्थिति अत्यंत चिंताजनक बनी हुई है। सोमवार को भी प्रदूषण का स्तर रेड जोन में बना रहा। यहां का एक्यूआइ ग्राफ 347 तक पहुंच गया। एयर क्वालिटी खराब श्रेणी में होने पर सांस लेने में समस्या हो सकती है. फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को ज्यादा परेशानी महसूस हो सकती है.

स्थानीय प्रशासन ने हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन इनका अमल नहीं हो पा रहा है। प्रशासन द्वारा निर्धारित उपायों में धूल नियंत्रण के लिए निर्माण स्थलों पर उचित प्रबंधन, वाहनों के उत्सर्जन को नियंत्रित करना, और औद्योगिक प्रदूषण को कम करने के लिए सख्त नियम शामिल हैं। हालांकि, इन उपायों का कार्यान्वयन कमजोर साबित हो रहा है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार को दुनियाभर के सबसे प्रदूषित 100 शहरों की सूची में मुजफ्फरपुर 61वें पायदान पर पाया गया। बेला इंडस्ट्रियल एरिया के पास इंडस्ट्री से निकलने वाले धूल-धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। वहीं, मरीन ड्राइव व शहर के अन्य हिस्सों में खुले में हो रहे निर्माण कार्य के कारण भी वायु प्रदूषण का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। लोगों का कहना है कि पानी का छिड़काव तो हो रहा है, लेकिन कुछ देर बाद स्थिति फिर वही हो जा रही है।मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो हर साल 6 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि न केवल स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, बल्कि यह जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रही है। धूल और धुएं के कारण लोग सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

वायु प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों में श्वसन संबंधी बीमारियां, हृदय रोग, और अन्य दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। इससे बच्चों और बुजुर्गों पर विशेष रूप से बुरा असर पड़ता है।बहरहाल  मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण एक बढ़ती हुई चिंता का विषय तो है हीं।

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