Tejashwi Yadav security lapse: तेजस्वी यादव की सुरक्षा में सेंध, हेलिकॉप्टर रनवे पर सुरक्षा में हुई बड़ी चूक , फिर उठा सवाल - Z+ सुरक्षा कितनी मज़बूत?”

Tejashwi Yadav security lapse विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक उजागर हुई है। घटना उस समय घटी जब तेजस्वी यादव हेलिकॉप्टर में सवार होने ही वाले थे।

Tejashwi Yadav security lapse
तेजस्वी की सुरक्षा में सेंध- फोटो : social Media

Tejashwi Yadav security lapse:बिहार की सियासत में एक बार फिर खाकी और सिक्योरिटी सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए हैं। मुजफ्फरपुर से निकलकर पूरे बिहार की सियासत को हिला देने वाली खबर आई है। राजद नेता और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक उजागर हुई है। घटना उस समय घटी जब तेजस्वी यादव हेलिकॉप्टर में सवार होने ही वाले थे।

शनिवार को मुजफ्फरपुर के कांटी विधानसभा क्षेत्र में आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई।तेजस्वी यादव यहां एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। उससे पहले उन्होंने कांटी प्रखंड कार्यालय परिसर में भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। भीड़ उमड़ी हुई थी, नारों का शोर था और कार्यक्रम खत्म होने के बाद तेजस्वी अपने हेलिकॉप्टर से रवाना होने वाले थे।

इसी दौरान ऐसा मंजर सामने आया जिसने सिक्योरिटी के दावों की पोल खोल दी। जब तेजस्वी यादव हेलिकॉप्टर के पास खड़े थे, तभी अचानक एक युवक दौड़ता हुआ उनके करीब आया और सीधे उनके पैरों में लेट गया। हैरानी की बात यह रही कि उस वक्त तेजस्वी वहां लगभग अकेले खड़े थे और सिक्योरिटी घेरा नज़र ही नहीं आ रहा था।तेजस्वी खुद भी इस अचानक हुए वाकये से चौंक गए। कुछ सेकंड तक सुरक्षाकर्मी नदारद रहे। बाद में दूर खड़े जवानों ने हालात भांपे और भागकर पहुंचे। उन्होंने फौरन तेजस्वी को घेरे में लिया और युवक को काबू कर लिया।

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। लोग सवाल उठा रहे हैं  कि Z+ सुरक्षा वाले नेता तक कोई आम शख्स इतनी आसानी से कैसे पहुँच गया?अगर युवक के इरादे खतरनाक होते तो क्या नतीजा होता?क्या बिहार पुलिस और सिक्योरिटी एजेंसियां ऐसे हाई प्रोफाइल नेताओं की सुरक्षा में लापरवाह हैं?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवक की पहचान सारीफुल इस्लाम के तौर पर हुई है। उसे तुरंत पकड़ लिया गया और पूछताछ के लिए ले जाया गया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह सिर्फ़ तेजस्वी यादव से मिलने की कोशिश कर रहा था, कोई शिकवा-शिकायत थी या फिर इसके पीछे कोई बड़ी साज़िश।यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी यादव की सुरक्षा में सेंध लगी हो। इससे पहले भी कई बार उनकी सिक्योरिटी पर सवाल उठ चुके हैं। अपराध की भाषा में कहें तो – यह महज़ “लापरवाही का केस” नहीं बल्कि सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का “ओपन मर्डर” है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस घटना के बाद सरकार और पुलिस महकमा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर इसे भी महज़ एक “वीडियो वायरल कांड” बनाकर फाइलों में दबा दिया जाएगा।सवाल ज़रूर खड़ा कर दिया है कि बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक चेहरों में से एक, तेजस्वी यादव की सिक्योरिटी कितनी सेफ है?