Bihar CAG report:70 हज़ार करोड़ गायब? बिहार सरकार नहीं दे पाई हिसाब, CAG रिपोर्ट से खुला बड़ा घोटाला!

Bihar CAG report: बिहार विकास की पटरी पर तेज़ी से दौड़ रहा है, ये सुनकर मन को थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन जैसे ही कैग की रिपोर्ट का पन्ना पलटते हैं, आंखें चौंक जाती हैं। ...

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CAG रिपोर्ट से खुला बड़ा घोटाला!- फोटो : social Media

Bihar CAG report: बिहार विकास की पटरी पर तेज़ी से दौड़ रहा है, ये सुनकर मन को थोड़ी राहत मिलती है, लेकिन जैसे ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का पन्ना पलटते हैं, आंखें चौंक जाती हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य की विकास दर 14.47% दर्ज की गई – जो देश के औसत से 4.87% ज़्यादा है। लेकिन यही रिपोर्ट बता रही है कि बिहार की आर्थिक सेहत अंदर से अभी भी कमज़ोर और बेढंगी बनी हुई है।

राज्य की कुल देनदारी 2023-24 में पहुंच गई ₹3.98 लाख करोड़ के पार – यानी पिछले साल से 12.34% की बढ़ोतरी। ये दिखाता है कि जितनी तेज़ी से विकास हुआ, उतनी ही रफ्तार से कर्ज़ भी चढ़ा।

326230 करोड़ के बजट में से सरकार खर्च कर पाई केवल 79.92% यानी ₹2.6 लाख करोड़। बाकी बचत में जो ₹65512 करोड़ था, उसमें से भी सिर्फ 36.44% ही सरकारी खजाने में लौटाया गया।

बचत नहीं, गड़बड़ी का संकेत है ये!

31 मार्च 2024 तक सरकार ने ₹70877.61 करोड़ खर्च किए, लेकिन उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) नहीं भेजा।सरल भाषा में कहें तो  पैसा खर्च हुआ, पर ये नहीं बताया गया कि कहां और कैसे खर्च हुआ!

इतना ही नहीं, ₹9205 करोड़ का डीसी बिल भी अधूरा पड़ा है, जबकि बार-बार याद दिलाया गया था।

कैग की रिपोर्ट ने बिहार सरकार की कलम-घिसाई से आगे की हकीकत सामने रख दी है जहां विकास के आंकड़े चमक रहे हैं, वहीं अंदर से सिस्टम अभी भी रिस रहा है।बिहार तेज़ तो दौड़ रहा है, लेकिन सवाल ये है कहीं ये रफ्तार फिसलन में ना बदल जाए?