बिहार परिवहन विभाग में नया खेला, MVI जूनियर लेकिन सीनियर से भी ज्यादा बन गया जिम्मेदार,कोई माई-बाप नहीं.. क्या नए सचिव को इसकी जानकारी नहीं?
बिहार परिवहन विभाग में मोटरयान निरीक्षकों के स्थानांतरण और पोस्टिंग में वरिष्ठता की अनदेखी करने की चर्चा है. इससे जूनियर को सीनियर पर तव्वजो मिलने की बातें कही जा रही हैं.

Bihar Transport News: बिहार के परिवहन विभाग में मोटरयान निरीक्षकों की पोस्टिंग में वरिष्ठता की अनदेखी का आरोप विभाग के अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. परिवहन विभाग में हाल ही में मोटरयान निरीक्षकों (Motor Vehicle Inspectors - MVIs) की हुई पोस्टिंग एक बार फिर से न्यायसंगत प्रशासनिक प्रक्रिया और वरिष्ठता के सम्मान पर सवाल खड़े कर रही है. विभाग द्वारा की गई ताजा तैनाती में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहाँ वरिष्ठ अधिकारियों की उपेक्षा कर कनिष्ठ कर्मचारियों को तवज्जो दी गई. यानी सीनियर की जगह जूनियर को ज्यादा बड़ा पद देने की बातें कही जा रही हैं.
परंपरागत रूप से सरकारी सेवाओं में पोस्टिंग और पदोन्नति के लिए वरिष्ठता, कार्य अनुभव और सेवा की गुणवत्ता को प्रमुख आधार माना जाता है. लेकिन इस बार के घटनाक्रम में यह देखा गया कि कई वर्षों से सेवा दे रहे वरिष्ठ मोटरयान निरीक्षकों को उनके वांछित या उपयुक्त स्थानों पर तैनाती नहीं दी गई, जबकि हाल ही में नियुक्त हुए अधिकारियों को प्रमुख जिलों या लाभकारी स्थानों पर भेजा गया है. परिवहन विभाग ने 19 जून को क्षेत्रीय कार्यालयों में पदस्थापित मोटरयान निरीक्षकों के बीच कार्यों का आवंटन पर एक आदेश जारी किया है. इसमें सीनियर की जगह जूनियर को तवज्जो देने की बातें कही जा रही हैं.
विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से जारी आदेश में मुख्यालय में पदस्थापित मोटरयान निरीक्षक (4) को आवंटित कार्य के अनुरूप जिला में पदस्थापित किया गया है. नाम न उजागर करने की शर्त पर मोटरयान निरीक्षकों ने कहा कि पुराने एमवीआई की जगह कई मामलों में नए यानी अनुभव में कम वाले एमवीआई को ज्यादा बड़ा पद और जिम्मा दिया गया है. इतना ही नही कई ऐसे भी एमवीआई को जिम्मेदारी दी गई है जिनके खिलाफ आरोप लगे हैं और जांच चल रही है.
कई एमवीआई ने कहा कि ऐसी नियुक्तियों से न केवल विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे वरिष्ठ अधिकारियों के मनोबल में भी गिरावट आती है. एक 'वरिष्ठ निरीक्षक' ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि हमने वर्षों तक कठिन क्षेत्रों में सेवा दी, लेकिन अब जब हमें बेहतर पोस्टिंग की उम्मीद थी, तो हमें नजरअंदाज कर दिया गया। यह हमारे काम की अवहेलना है. कई एमवीआई यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या नए सचिव को इसकी जानकारी नहीं है ?