Bihar School News: बिहार के शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ आए दिन सरकारी स्कूलों को लेकर नए नए फरमान जारी करते हैं। इसी कड़ी में एस सिद्धार्थ ने नया फरमान जारी किया है। यह आदेश नए सत्र में हर हाल में लागू करना होगा। दरअसल, बिहार के सरकारी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से ही छात्रों को पाठ्यपुस्तकें वितरित की जाएंगी, ताकि वे वार्षिक परीक्षा से पहले 2 से 3 बार रिविजन कर सकें। इस बार पढ़ाई के तरीके में भी बदलाव किया गया है। बच्चों को रटवाने की बजाय समझाकर पढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। जिससे वे परीक्षा में पूछे गए घुमावदार सवालों के भी सही जवाब दे सकें।
12 करोड़ से अधिक किताबों की छपाई फरवरी तक पूरी होगी
विद्यार्थियों को समय पर किताबें उपलब्ध कराने के लिए 12 करोड़ से अधिक पुस्तकों की प्रिंटिंग की जा रही है, जो फरवरी के अंत तक पूरी हो जाएगी। मार्च के पहले सप्ताह तक सभी जिलों में किताबें पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक एक-तिहाई जिलों में किताबें पहुंच चुकी हैं। मार्च के अंतिम सप्ताह तक प्रखंड शिक्षा कार्यालयों में किताबें भेजने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि 1 अप्रैल को नए सत्र के पहले दिन ही छात्रों को किताबें दी जा सकें।
कोर्स का रिविजन अब होगा आसान
इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए कक्षा-वार सेट तैयार किए जा रहे हैं, जिससे छात्रों को सीधे उनकी कक्षा के अनुसार किताबें मिलें। इससे पहले सरकारी स्कूलों में किताबें मिलने में देरी होती थी और कई बार सितंबर तक किताबें नहीं पहुंच पाती थीं। जिससे छात्र वार्षिक परीक्षा तक कोर्स पूरा नहीं कर पाते थे। डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों को नए सत्र की शुरुआत से ही किताबें देकर समय पर कोर्स पूरा करने में मदद करना है। इससे वार्षिक परीक्षा से पहले रिविजन करना आसान हो जाएगा और छात्रों का प्रदर्शन बेहतर होगा।
कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को अभ्यास पुस्तिका भी मिलेगी
इस बार पहली बार कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को किताबों के साथ-साथ अभ्यास पुस्तिका भी दी जाएगी। इसमें कलरिंग, हिंदी, अंग्रेज़ी, और गणित के अभ्यास होंगे। जिनमें छात्रों को उत्तर लिखने होंगे। इससे उनकी प्रैक्टिकल समझ बेहतर होगी। वहीं, कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा की किताबें दी जाएंगी, जिसमें कंप्यूटर चलाने और उसकी अन्य तकनीकी जानकारियां शामिल होंगी। इस बार की किताबों में सड़क सुरक्षा, स्वच्छता, और स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां भी जोड़ी गई हैं, ताकि छात्रों का सामाजिक ज्ञान भी बढ़ सके। यह पहल बिहार के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे छात्र समय पर कोर्स पूरा कर सकेंगे और उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।