Bihar Politics: खरमास के बाद बिहार में होगा खेला! सियासी घमासान तेज, हार के बाद बौखलाया विपक्ष या पर्दे के पीछे पक रही कोई नई पटकथा? पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Bihar Politics:बिहार की सियासत में एक बार फिर ‘खेला’ शब्द ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है।....

Bihar Politics
खरमास के बाद बिहार में होगा खेला! - फोटो : social Media

Bihar Politics:बिहार की सियासत में एक बार फिर ‘खेला’ शब्द ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। राष्ट्रीय जनता दल की ओर से खरमास के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने के दावे ने सत्ता और विपक्ष के बीच जुबानी जंग छेड़ दी है। एनडीए नेताओं ने इस बयानबाजी को हार की हताशा करार देते हुए कड़ा पलटवार किया है, जबकि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने आग में घी डालते हुए नया दावा ठोक दिया है।

केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने आरजेडी के ‘खेला’ वाले बयान पर तीखा तंज कसते हुए कहा कि अब उनके पास राजनीति करने का हौसला नहीं बचा है। उन्होंने दावा किया कि आरजेडी के भीतर ही घमासान मचा हुआ है और कार्यकर्ताओं का भरोसा तेजस्वी यादव के नेतृत्व से उठ चुका है। नित्यानंद राय ने कहा कि तेजस्वी यादव विदेश चले गए हैं, क्योंकि पार्टी में उनकी पकड़ ढीली पड़ गई है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का मिज़ाज एक जैसा है एक देश में नहीं रहना चाहते, दूसरा बिहार में नहीं।

जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने भी आरजेडी के दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हार के बाद विपक्ष अब भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहा है। संजय झा ने तंज कसते हुए याद दिलाया कि आरजेडी नेताओं ने तो पहले ही मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तारीखें तक घोषित कर दी थीं, लेकिन नतीजा सबके सामने है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिला है और केंद्र सरकार के पूरे सहयोग से नीतीश कुमार की सरकार मजबूती से काम कर रही है। उनका दावा है कि अगले पांच साल में बिहार को विकसित प्रदेश बनाने की ठोस बुनियाद रखी जाएगी।

इधर, आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य के फेसबुक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय झा ने कहा कि बिहार में किसी को असुरक्षा की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्त बदल चुका है अब जितना हक़ बेटे का है, उतना ही हक़ बेटियों का भी है।

लेकिन सियासी माहौल तब और गरमा गया, जब वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने बड़ा दावा कर दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में फिर से ‘खेल’ होने वाला है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद नहीं जानते कि वे कब तक मुख्यमंत्री रहेंगे। सहनी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार को हटाने की साज़िश चल रही है और वक्त आने पर सब साफ़ हो जाएगा कि कौन विधायक किसके संपर्क में है। उन्होंने मौजूदा सरकार को चोरी की सरकार बताते हुए यहां तक आरोप लगाया कि पैसे देकर समर्थन जुटाया गया।

कुल मिलाकर, बिहार की राजनीति में ‘खेला’ अब सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि सियासी हथियार बन चुका है। सवाल यही है क्या यह विपक्ष की बेचैनी है या सचमुच किसी नई राजनीतिक चाल की आहट? इसका जवाब आने वाले दिनों में सत्ता के गलियारों से मिलेगा।