Bihar News:बिहार में चूहा भी बने इंजीनियर! मोकामा-बख्तियारपुर फोरलेन के साइड स्लोप में बड़े-बड़े गड्ढे, कंस्ट्रक्शन कंपनी का गजब दावा -नई 4 लेन सड़क को कुतर गए चूहे!

Bihar News: बिहार की सियासत में एक नया मुद्दा उभर आया है मोकामा-बख्तियारपुर फोरलेन के साइड स्लोप में बने बड़े-बड़े गड्ढे और उनके पीछे का अजीबोगरीब कारण चूहा!

Mokama Bakhtiyarpur four lane

Bihar News: बिहार की सियासत में एक नया मुद्दा उभर आया है मोकामा-बख्तियारपुर फोरलेन के साइड स्लोप में बने बड़े-बड़े गड्ढे और उनके पीछे का अजीबोगरीब कारण चूहा! जी हां, ये वही फोरलेन है जिसकी एक लेन का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मार्च 2025 में बड़े तामझाम से किया था। 44.6 किलोमीटर लंबी यह सड़क बिहार के विकास का ‘शान’ बताई गई थी, लेकिन अब ये ‘चूहे के बिल’ की सुर्खियों में है।

प्रदेश में इस वक्त मानसून की बारिश ने कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है। नदियां उफान पर हैं, और इसी बीच फोरलेन के किनारे-किनारे कई जगह गड्ढे देखे गए हैं। कई हिस्सों में तो सड़क में दरार पड़ चुकी है। मरम्मत का काम ज़रूर शुरू है, लेकिन ढांचा इतनी जल्दी क्यों बिगड़ा यही है  सबसे बड़ा सवाल।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ। सड़क निर्माण की क्वालिटी पर खुलेआम उंगलियां उठ रही हैं। लोग कह रहे हैं “837 करोड़ से शुरू हुआ काम आखिर 1,167 करोड़ में जाकर भी इतना कमजोर कैसे?”और फिर आती है वो  सियासी लाइन—बीएससीपीएल इंफ्रा के प्रोजेक्ट मैनेजर तरुण प्रसाद का बयान कि “चूहों ने बिल कर दिया, पानी बहने से गड्ढा बन गया… रिपेयर हो जाएगा।”

ये बयान सुनकर जनता हैरान है, विपक्ष तैश में है और सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है ‘बिहार में विकास खा गए चूहे’।

राजद और कांग्रेस नेताओं ने तंज कसा  कसते हुए कहा कि “नीतीश जी, ये वही ‘सुशासन’ है जिसमें सड़कें चूहों के भरोसे हैं? इतने करोड़ के प्रोजेक्ट में चूहे भी वीआईपी हो गए!”

जेडीयू प्रवक्ता कह रहे हैं कि बरसात के मौसम में ऐसी स्थिति सामान्य है, मरम्मत तुरंत कराई जा रही है।”

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि “बरसात तो हर साल होती है, लेकिन इतनी जल्दी सड़क का हाल बिगड़ना बताता है कि अंदर से सारा खेल ‘ठेकेदारी और कमीशनखोरी’ का है।”

बता दें यह प्रोजेक्ट जून 2017 में शुरू हुआ था, लक्ष्य था मार्च 2020 तक पूरा करने का। ज़मीन अधिग्रहण में देरी से 3 साल का ‘एक्सटेंशन’ मिला और लागत लगभग 330 करोड़ बढ़ गई। मार्च 2025 में बड़े धूमधाम से उद्घाटन हुआ और अब अगस्त में सड़क के किनारे बिल और गड्ढे दिखाई दे रहे हैं।