Patna News:पटना का सगुनामोड़, जजेज कॉलोनी बना पानी का कैदख़ाना, सांप तैर रहे, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ग़ायब, जनता बेहाल, सुनिए सरकार

Patna News: सगुना मोड़ से खगौल रोड तक, नागेश्वरी नगर से आरपीएस मोड़ के जजेज़ कॉलोनी तक, हर तरफ़ पानी का सैलाब पसरा है। मगर, नगर निगम और दानापुर नगर परिषद की सुस्ती ने इस समस्या को स्थायी दर्द बना दिया है।

Patna s Sagunamor Judges Colony became a water prison
इलाके बने पानी का कैदख़ाना, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ग़ायब- फोटो : reporter

Patna News: लगातार हो रही बारिश ने पटना, दानापुर इलाक़े में लोगों की ज़िंदगी को जैसे पानी में डुबो दिया है। सगुना मोड़ से खगौल रोड तक, नागेश्वरी नगर से आरपीएस मोड़ के जजेज़ कॉलोनी तक, हर तरफ़ पानी का सैलाब पसरा है। मगर, नगर निगम और दानापुर नगर परिषद की सुस्ती ने इस समस्या को स्थायी दर्द बना दिया है।

साल भर की मुसीबत, बरसात में चरम पर

वार्ड संख्या 11 के नागेश्वरी नगर में जलजमाव अब कोई नई बात नहीं  यह हालत पूरे साल बनी रहती है। लेकिन इन दिनों तो आलम यह है कि सड़कें तालाब में तब्दील हो चुकी हैं। आरपीएस मोड़ के जजेज़ कॉलोनी का तो हाल और भी ख़राब है  दस दिनों से लगातार पानी जमा है, और इस पानी में सांप खुलेआम तैरते नज़र आ रहे हैं। नतीजा, लोगों में खौफ़ का माहौल है। बच्चे और बुज़ुर्ग तो छोड़िए, जवान लोग भी घर से निकलने से पहले कई बार सोचने को मजबूर हैं।

फ़ोन भी नहीं उठाते अफ़सर

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार को बार-बार फ़ोन कर जलनिकासी की गुहार लगाई गई, मगर न तो समस्या हल हुई, न ही उन्होंने कॉल रिसीव करना ज़रूरी समझा। वार्ड काउंसलर हर बार “संसाधन की कमी” का रोना रोते हैं, जबकि करोड़ों रुपये हर साल पानी निकासी के नाम पर खर्च (या डकार) हो जाते हैं।

जनता का सब्र जवाब दे रहा है

अब स्थानीय लोग इस मामले को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत ले जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका सवाल सीधा है  "जब सरकार कहती है कि जलजमाव 4-5 घंटे में दूर होगा, तो यहां 10 दिन से पानी क्यों सड़ रहा है?"

सरकारी दावों की पोल खुली

हर साल बरसात से पहले टोल-फ्री नंबर और मोबाइल नंबर जारी करने का सरकारी तमाशा होता है। लेकिन जमीनी हक़ीक़त यह है कि नगर विकास विभाग को जनता की इस परेशानी से कोई लेना-देना नहीं। लोग पूछ रहे हैं  जिनकी गाड़ियां पानी में ख़राब हो रही हैं, उनका मुआवज़ा कौन देगा?

ज़िंदगी की रफ़्तार थमी, रोज़गार पर असर

बच्चे गंदे और सांपों से भरे पानी में स्कूल जाने को मजबूर हैं। ऑफिस जाने वाले लोग पैंट ऊपर करके, जूते हाथ में लेकर, किस्मत को कोसते हुए निकल रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि पानी और बदबू की वजह से ग्राहक आना बंद कर चुके हैं, जिससे रोज़गार पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

जनता की सख़्त मांग

लोग चाहते हैं कि इस लापरवाही के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर तत्काल कार्रवाई हो। जलजमाव को सिर्फ़ “बारिश का नतीजा” बताकर पल्ला झाड़ना अब और बर्दाश्त नहीं होगा।