Bihar Police: रोका गया150 दारोगा और एएसआई का वेतन , आधा दर्जन पुलिस वालों पर विभागीय मुक़दमा, इन थानों का रिकॉर्ड सबसे बुरा, इस कारण गिरी गाज पुलिस महकमें में हड़कंप

Bihar Police: बड़े साहब ने 150 पुलिसकर्मियों जिनमें दारोगा और एएसआई रैंक के अफसर शामिल हैं का वेतन रोकने का हुक्म जारी कर दिया है।..

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रोका गया150 दारोगा और एएसआई का वेतन- फोटो : social Media

Bihar Police:तक़रीबन 150 पुलिसकर्मियों  जिनमें दारोगा और एएसआई रैंक के अफसर शामिल हैं  का वेतन रोकने का हुक्म जारी कर दिया है।शहर-ए-पटना के पश्चिमी इलाक़े में पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गूंज सुनाई दी है। एसपी सिटी पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने काम में लापरवाही और केस के निपटारे में सुस्ती दिखाने वाले तक़रीबन 150 पुलिसकर्मियों जिनमें दारोगा और एएसआई रैंक के अफसर शामिल हैं  का वेतन रोकने का हुक्म जारी कर दिया है। साथ ही, ऐसे आधा दर्जन ‘ज़ीरो परफॉर्मेंस’ वाले पुलिसकर्मी, जिन्होंने एक भी केस का निपटारा नहीं किया, विभागीय कार्रवाई की जद में आ गए हैं।

पिछले दिनों एसपी सिटी पश्चिमी ने अपने अधीनस्थ थानों में तैनात पुलिस पदाधिकारियों के कार्य की समीक्षा की। रिपोर्ट ने चौंका दिया  अधिकतर पुलिसकर्मियों को महीने में पांच केस निपटाने का टास्क सौंपा गया था, लेकिन कई ने एक भी केस का निष्पादन नहीं किया, और कुछ ने बस एक-दो केस निपटाकर खानापूर्ति कर दी। इतना ही नहीं, सीसीए-3 के तहत प्रस्ताव भेजने का आदेश भी अनदेखा कर दिया गया।

इस लापरवाही ने पुलिस कप्तान को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। आदेश हुआ  जो टास्क पूरा नहीं करेगा, उसका वेतन रोका जाएगा, और सुधार न होने पर आगे की सख़्त कार्रवाई होगी।

समीक्षा में यह बात भी सामने आई कि तीन थानों का रिकॉर्ड सबसे बुरा है  शाहपुर, फुलवारीशरीफ और दानापुर। इन थानों के पदाधिकारियों ने अपेक्षित कामकाज से कोसों दूरी बनाई रखी। वहीं, मनेर और बिहटा थानों में तैनात पुलिस अफसरों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और उन्हें एसपी की तरफ़ से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

एसपी सिटी पश्चिमी के कार्यक्षेत्र में पहले तक़रीबन 12,500 केस लंबित थे। निर्देश के बाद एक महीने में करीब 1,500 केसों का निपटारा हुआ, लेकिन अभी भी लंबित मामलों का बोझ बड़ा है। पुलिस महकमे में संदेश साफ़ है  काम करो, वरना अंजाम भुगतो।

भानु प्रताप सिंह ने कहा हर पुलिसकर्मी के काम की बारीकी से समीक्षा की जा रही है। जो टास्क पूरा नहीं कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई की गई है। वहीं, बेहतर प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया गया है। जो पुलिसकर्मी काम में सुधार दिखाएंगे, उनका वेतन पुनः जारी कर दिया जाएगा।

पटना पश्चिमी ज़ोन की इस कार्रवाई ने साफ़ कर दिया है कि अब ढिलाई और ‘ड्यूटी से बचने’ की संस्कृति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम बाकी पुलिसकर्मियों के लिए भी चेतावनी है कि क़ानून के रखवाले अगर अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह मोड़ेंगे, तो कार्रवाई की तलवार हर वक़्त उनके सिर पर लटक रही है।