बिहार आयुष भर्ती : 1336 पद रह गए खाली, अभ्यर्थियों ने खोला मोर्चा, स्वास्थ्य मंत्री से की 'सेकंड लिस्ट' की मांग

बिहार में 11 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद हुई आयुष चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया विवादों में है। अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि कुल 2619 पदों में से आधे से ज्यादा पद खाली रह गए हैं। अभ्यर्थियों ने कट-ऑफ कम

बिहार आयुष भर्ती : 1336 पद रह गए खाली, अभ्यर्थियों ने खोला म

Patna -  बिहार के आयुष चिकित्सक अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामला विज्ञापन संख्या 05/2025 से जुड़ा है, जिसकी परीक्षा 16 जुलाई 2025 को आयोजित की गई थी। 12 दिसंबर 2025 को घोषित अंतिम परिणाम में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

सिर्फ 49% पदों पर हुई नियुक्ति 

अभ्यर्थियों द्वारा स्वास्थ्य मंत्री को सौंपे गए पत्र के अनुसार, कुल 2619 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 1283 पद ही भरे जा सके हैं। इसका अर्थ है कि 1336 पद (लगभग 51%) अब भी खाली हैं। अभ्यर्थियों का दावा है कि ये खाली पद मुख्य रूप से आरक्षित श्रेणियों (OBC, ST, SC, WBC, EBC) के हैं।

उम्र सीमा और कट-ऑफ का संकट 

पत्र में चिकित्सकों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि 11 साल बाद यह भर्ती आई है। कई अभ्यर्थी निर्धारित कट-ऑफ अंक पार नहीं कर पाए हैं और अब उनकी उम्र भी समाप्त हो रही है, जिससे वे भविष्य की भर्तियों में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने मांग की है कि निर्धारित कट-ऑफ अंकों में कमी की जाए। और खाली बचे 1336 पदों के लिए तत्काल दूसरी (2nd) शॉर्टलिस्ट जारी की जाए।

बाहरी अभ्यर्थियों को लाभ मिलने का आरोप 

अभ्यर्थियों ने विभाग के एक नियम परिवर्तन पर भी सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, निबंधन (Registration) जमा करने की तिथि को पदस्थापन से एक माह आगे बढ़ाने के कारण बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को अधिक अवसर मिल गया, जिससे स्थानीय आयुष चिकित्सक चयन से वंचित रह गए। इस पत्र पर डॉ. रवि कुमार, डॉ. मनीषा कुमारी, डॉ. मनीष कुमार झा सहित कई अन्य चिकित्सकों के हस्ताक्षर हैं। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग इन बेरोजगार आयुष चिकित्सकों की मांगों पर क्या कदम उठाता है।