भारत विरोधी छवि के हैं बालेंद्र शाह! बिहार के कई जिलों को बताया 'ग्रेटर नेपाल', बॉलीवुड फिल्म पर बैन
ग्रेटर नेपाल” का नक्शा ऐतिहासिक सुगौली संधि (1816) से पहले के नेपाल के क्षेत्रीय दावों पर आधारित है. इसमें बिहार के कई जिलों को नेपाल का हिस्सा बताया गया है.

Bihar News : नेपाल में सत्ताविरोधी प्रदर्शनों के कारण देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. वहीं सड़कों पर हजारों की संख्या में उमड़ी युवाओं की भीड़ संसद भवन से लेकर कई सरकारी प्रतिष्ठानों को आग के हवाले कर चुकी है. वहीं इस आंदोलन के नायक के रूप में काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह दुनिया भर में चर्चा के केंद्र में हैं. लेकिन बालेंद्र शाह को लेकर कहा जा रहा है कि वे न सिर्फ नेपाल में क्रांति के जनक हैं बल्कि उनकी सोच ग्रेटर नेपाल के सपने को साकार करना है. ग्रेटर नेपाल की यह सोच भारत के लिए भी खतरे का संकेत है क्योंकि बालेंद्र शाह जिस ग्रेटर नेपाल की बात करते हैं उसमें बिहार और उत्तराखंड के भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया गया है.
दरअसल, रैपर से नेता बने काठमांडू के मेयर बलेंद्र शाह उर्फ़ बालेन नेपाल के भावी पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किए जा रहे है. लेकिन 2023 में इन्होंने अपने दफ़्तर में ग्रेटर नेपाल का नक्शा लगाकर न सिर्फ बिहार बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल व सिक्किम के हिस्से को नेपाल का भाग दिखाया. इतना ही नहीं आदिपुरुष संवाद पर बॉलीवुड फ़िल्मों को बैन की धमकी दी. ऐसे कई मौके आए जब भारत पर सांस्कृतिक दखलअंदाज़ी का आरोप लगाकर वो अक्सर एंटी-इंडिया छवि में दिखते हैं. वो भी ये मानते हैं कि भारत ने नेपाल के कई इलाकों पर जबरन कब्जा कर रखा है.
बॉलीवुड फिल्म पर बैन
बॉलीवुड फिल्म आदिपुरुष के एक संवाद में माता सीता को “भारत की बेटी” कहा गया था. इस पर गहरी आपत्ति जताते हुए बालेंद्र शाह ने इसे नेपाल का अपमान करार दिया. शाह का तर्क था कि यह संवाद नेपाल की मान्यता के खिलाफ है, जो यह मानती है कि माता सीता का जन्म नेपाल के जनकपुर में हुआ था. उन्होंने काठमांडू में सभी हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया. बाद में नेपाल के पाटन हाई कोर्ट ने 22 जून 2023 को मेयर बालेन शाह के भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध के फैसले को रद्द कर दिया था. यहां तक कि नेपाल सरकार के सूचना एवं संचार मंत्रालय ने भी इस प्रतिबंध की आलोचना करते हुए इसे अवैध बताया था.
ग्रेटर नेपाल का विवादित नक्शा
ग्रेटर नेपाल” का नक्शा ऐतिहासिक सुगौली संधि (1816) से पहले के नेपाल के क्षेत्रीय दावों पर आधारित है. यह नेपाल और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई संधि थी. वहीं अब बालेंद्र शाह ने जिस ग्रेटर नेपाल का समर्थन किया उसमें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बस्ती, और बहराइच, बिहार के दरभंगा, मधुबनी, और अन्य मैथिली भाषी जिले, हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी कांगड़ा और हिमाचल के कुछ अन्य पहाड़ी क्षेत्र, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी, उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल सहित गोरखा साम्राज्य के समय नेपाल के अधीन वाले अन्य इलाके जिसमें नैनीताल और अल्मोड़ा भी शामिल है. इतना ही नहीं सिक्किम को भी “ग्रेटर नेपाल” के नक्शे में शामिल किया गया.
भारत में पढ़े हैं शाह
बालेंद्र शाह का जन्म 27 अप्रैल 1990 को काठमांडू, नेपाल में हुआ. उनके पिता एक आर्युवेदिक चिकित्सक थे. उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की उच्च शिक्षा कर्नाटक के विश्वेरैया इंजीनिरिंग कॉलेज में दो साल रहकर हासिल की. वहीं युवाओं के बीच रैपर गायन को लेकर काफी लोकप्रिय हुए. अब नेपाल में सत्ताविरोधी प्रदर्शनों के नायक भी वही बने हैं.