Bihar News: बाढ़ अनुमंडल अस्पताल लापरवाही मामले में बड़ी कार्रवाई, एक साथ 5 को नाप दिया, चढ़ाया था एक्सपायरी सलाइन

Bihar News: बाढ़ अनुमंडल अस्पताल लापरवाही मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। उपाधीक्षक डॉ. विनय कुमार चौधरी ने इस मामले 5 जीएनएम पर गाज गिरी है।

बाढ़ अनुमंडल अस्पताल
बाढ़ अनुमंडल पर बड़ी कार्रवाई - फोटो : social media

Bihar News:  बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में शनिवार को एक हैरान कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि एक महिला को जो पंडारक की रहने वाली है इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल बाढ़ में लाया गया था, इलाज के दौरान उसे एक्सपायरी सलाइन वाटर चढ़ा दिया गया। वहीं इस मामले में अब बड़ी कार्रवाई की गई है। उपाधीक्षक डॉ. विनय कुमार चौधरी ने कार्रवाई करते हुए 5 जीएनएम के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। साथ ही 5 सदस्यी कमिटी की गठन की गई जो 72 घंटे में अपना रिपोर्ट सौंपेगी।

महिला को चढ़ाया एक्सपायरी सलाइन वाटर 

घटना के वक्त जब महिला के परिजनों ने देखा कि सलाइन वाटर का डेट एक्सपायर हो चुका है तो वह हंगामा करने लगे और उससे संबंधित अस्पताल प्रशासन के पास गये। पहले उसे डांट कर भगा दिया गया कि, "जाओ जो करना है करो"। लेकिन जब परिजनों ने स्थानीय बाढ़ थाना की पुलिस को सूचना दी और  मौके पर पहुंची तो सभी अस्पतालकर्मी के होश उड़ गये। पुलिस छानबीन करने लगी। 

चार महीने पहले एक्सपायर हो गया था सलाइन वाटर

पीड़ित महिला कंचन देवी पंडारक की रहने वाली बतायी जाती है। महिला के एक परिजन ने यह भी बताया कि एक्सपायरी सलाइन वाटर का डेट चार महीना पहले ही एक्सपायर हो चुका था और उसे ही कई मरीजों को चढ़ाया जा रहा था। कुछ मरीज तो चले भी गये थे। 

कई मरीजों को चढ़ाई गई एक्सपायरी सलाइन

जानकारी यह भी मिल रही है कि एक साथ कई मरीजों को एक्सपायरी डेट का सलाइन वाटर चढ़ाया जा रहा था। लेकिन जैसे ही परिजन हो-हल्ला करने लगे दूसरे मरीजों के भी सलाइन वाटर को बदल दिया गया।  जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जो भी इस तरह के घृणित कार्य किया उसको छोड़ा नहीं जाएगा उसके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी। 

सवालों के घेरे में अस्पताल प्रशासन  

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब पिछले चार महीने पहले सलाइन वाटर या दवाइयों के डेट एक्सपायर हो जाते हैं तो उसे तुरंत क्यों नहीं हटाया जाता है। क्या यह अस्पताल प्रशासन की लापरवाही नहीं कही जा सकती है? तो इस तरह से एक बड़ी लापरवाही बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल में देखने को मिल रही है। इससे कभी भी किसी की जान जा सकती है। जिसकी भरपाई करना अस्पताल प्रशासन के द्वारा संभव नहीं हैं।  आखिर एक्सपायरी डेट की दवाइयां या फिर सलाइन वाटर की समय समय पर जांच कर वहां से हटाया क्यों नहीं जाता है ? यह जिम्मेवारी किसकी है?  फिलहाल पुलिस अस्पताल पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।

बाढ़ से रविशंकर कुमार की रिपोर्ट।