Adulterated Sweets:सावधान जानलेवा हो सकती हैं मिठाइयां! राखी के मिठास में जहर का खेल, मिलावटी मिठाइयों के काले कारोबार के बारे में जानिए

Adulterated Sweets:रक्षाबंधन की खुशियों के मौसम में मिठाइयों के कारोबार के पीछे एक खतरनाक और गंदा खेल भी छुपा है , मिलावट का धंधा, जो सेहत को बरबादी की तरफ धकेल सकता है।..

Adulterated Sweets:सावधान जानलेवा हो सकती हैं मिठाइयां! राखी
रक्षाबंधन में मिलावटी मिठाइयों का काला कारोबार- फोटो : social Media

Adulterated Sweets:पर्व त्योहार पर मिठाईयों के जरिए खुशियों को बांटा जाता है। मुंह मीठा किए बिना तो पर्व ही अधूरा सा लगता है। लेकिन अगर आप इस रक्षाबंधन बाजार से मिठाई खरीदने वाले हैं, तो हो जाइए सावधान, क्योंकि यह मिठाई ले सकती है आपकी जान। भाई-बहन के मोहब्बत भरे रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन कल है, और इस मौके पर बाजारों में रौनक, चमक-दमक और भीड़ का आलम देखने को मिल रहा है। लोग बहनों के लिए राखी, भाइयों के लिए तौफ़े, और सबसे बढ़कर मिठाइयों की खरीददारी में मशगूल हैं। मगर इस खुशियों के मौसम में मिठाइयों के कारोबार के पीछे एक खतरनाक और गंदा खेल भी छुपा है – मिलावट का धंधा, जो सेहत को बरबादी की तरफ धकेल सकता है।

त्योहार के मौसम में मिठाई की डिमांड आसमान छूने लगती है। हलवाई और व्यापारी इस सुनहरे मौके को भुनाने के लिए हर हथकंडा अपनाते हैं – मुनाफाखोरी से लेकर मिलावटखोरी तक। बाजार में बिक रही खोये की बर्फी, पेड़ा, लड्डू, और जलेबी के पीछे सच्चाई अक़्सर कड़वी निकलती है। खोये में स्टार्च पाउडर, दूध में सिंथेटिक मिल्क, घी में डालडा और मेवे में पॉलिश व केमिकल – यह सब ज़हर की तरह हमारे शरीर में घुस रहा है।

आंकड़े बताते हैं कि इस वक्त दूध की कीमत ₹50 से ₹55 लीटर है, जिसमें से मुश्किल से 180 से 200 ग्राम खोया निकलता है। ऐसे में एक किलो खालिस खोया की कीमत ₹250 से ₹260 पड़ती है। अगर बाजार में इससे सस्ता खोया बिक रहा है, तो समझ लीजिए इसमें मिलावट का ज़हर घुला हुआ है। असली खोया हथेली पर रगड़ने पर हल्की चिकनाई छोड़ता है और खाने में हल्का खट्टापन महसूस होता है।

रक्षाबंधन पर लड्डू और बूंदी की बिक्री भी तेज़ हो जाती है। मगर यहां भी मिलावट माफिया बाज़ नहीं आते। लड्डू बनाने में खेसारी के आटे और मैदा की मिलावट, घी के नाम पर सस्ता रिफाइंड तेल, और खुशबू के लिए केमिकल एसेंस का इस्तेमाल  यह सब हमारी जान से खिलवाड़ है।

मिठाई की दुकानों की चमक-दमक, रंग-बिरंगी सजावट और मीठी महक के पीछे बीमारी और मौत का साया मंडरा रहा है। सेहत के जानकार चेतावनी देते हैं – त्योहार की रौनक में आंख मूंदकर खरीदारी न करें। दिखावे से बचें, सच्चाई परखें। खोये को चखकर, सूंघकर, और हथेली पर रगड़कर जांचें।

वरना हो सकता है कि राखी का ये मीठा त्योहार मिठास के बजाय अस्पताल की कड़वी दवा में बदल जाए, और मोहब्बत के रिश्ते के साथ-साथ आपकी सेहत भी मिलावटखोरों के जाल में उलझकर टूट जाए।