Bihar News: चुनाव से पहले यह 12 बड़ी सड़क और पुल परियोजना बदल देगा बिहार का चेहरा....प्रदेश होगा बमबम

Bihar News: केंद्र सरकार ने 6 परियोजनाओं को अगले 3 महीने (जून तक) में पूरा करने का निर्देश दिया है। इनमें मोकामा सेतु और पटना-गया-डोभी फोर लेन हाईवे जैसी महत्वपूर्ण सड़कें शामिल हैं।

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bihar 12 road bridge projects- फोटो : social media

Bihar News:  बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में विधानसभा चुनाव को लेकर  केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार भी बिहार में विकास कार्यों पर अधिक जोड़ दे रही है। इसी बीच केंद्र की मोदी सरकार ने बिहार सरकार को बड़ा टाक्स दिया है। इससे नीतीश सरकार राज्य की 12 बड़ी सड़क और पुल परियोजना से बिहार का चेहरा बदल देगी। दरअसल, इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य की 596 किलोमीटर लंबी 12 बड़ी सड़क-पुल (नेशनल हाईवे) परियोजनाओं को अगले 9 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इन परियोजनाओं की कुल लागत ₹13,670 करोड़ है।

जून तक पूरा होने वाली परियोजनाएं

केंद्र सरकार ने 6 परियोजनाओं को अगले 3 महीने (जून तक) में पूरा करने का निर्देश दिया है। इनमें मोकामा सेतु और पटना-गया-डोभी फोर लेन हाईवे जैसी महत्वपूर्ण सड़कें शामिल हैं। औंटा (मोकामा)-सिमरिया पुल- 8.15 किमी लंबी इस परियोजना की लागत ₹1161 करोड़ है। बख्तियारपुर-मोकामा सड़क- 44.60 किमी लंबी इस परियोजना पर ₹879 करोड़ खर्च होंगे। पटना-गया-डोभी फोर लेन हाईवे- 127 किमी लंबी इस सड़क का निर्माण ₹5519 करोड़ की लागत से हो रहा है। गोपालगंज (एलिवेटेड)- 2.75 किमी लंबी परियोजना पर ₹185 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। मोहनिया-पररिया सड़क- 60.80 किमी लंबी इस सड़क का निर्माण ₹690 करोड़ की लागत से हो रहा है। मंझौली-चरौत सड़क- 58.66 किमी लंबी इस परियोजना पर ₹537 करोड़ खर्च होंगे।

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6 लेन पुल का काम जून तक होगा पूरा 

यह नया 6 लेन पुल जून तक पूरा किया जाएगा। इसके बनने से गांधी सेतु पर लगने वाले जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, उत्तर-पूर्व बिहार के कई जिलों में जाने के लिए बालू ट्रकों को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा, जिससे बिहटा-कोइलवर पुल और आरा-छपरा सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा।

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पटना-गया-डोभी फोर लेन हाईवे

यह परियोजना बिहार के प्रमुख शहरों को तेज़ रफ्तार कनेक्टिविटी से जोड़ेगी। 127 किमी लंबी इस सड़क पर ₹5519 करोड़ की लागत आएगी।

दिसंबर तक पूरा होने वाली परियोजनाएं

केंद्र सरकार ने 6 अन्य परियोजनाओं को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इनमें 15 साल से लंबित बनारस-औरंगाबाद हाईवे भी शामिल है। बनारस-औरंगाबाद हाईवे: 180 किमी लंबी इस परियोजना की लागत ₹2848 करोड़ है। औरंगाबाद-चोरधरा सड़क: 40 किमी लंबी इस परियोजना पर ₹553 करोड़ खर्च होंगे। सरिस्ताबाद (पटना)-नाथूपुर सड़क: 4 किमी लंबी इस परियोजना की लागत ₹97 करोड़ है। उमगांव-सहरसा (पैकेज-5): 39 किमी लंबी परियोजना पर ₹552 करोड़ खर्च होंगे। चोरमा-बैरगनिया सड़क: 35 किमी लंबी इस परियोजना की लागत ₹393 करोड़ है। बेगूसराय (एलिवेटेड): 4.26 किमी लंबी परियोजना पर ₹256 करोड़ खर्च होंगे। बनारस-औरंगाबाद 6 लेन हाईवे- यह परियोजना 15 साल से लंबित है, जिसे अब दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। 180 किमी लंबा यह हाईवे ₹2848 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके पूरा होने से जीटी रोड पर यातायात सुगम होगा और आवागमन में तेजी आएगी। औरंगाबाद-चोरधरा हाईवे-इस 40 किमी लंबी परियोजना पर ₹553 करोड़ खर्च होंगे। इसके पूरा होने से दक्षिण बिहार में यातायात को राहत मिलेगी।

लोगों को मिलेगा लाभ 

ट्रैफिक जाम से राहत- मोकामा सेतु और अन्य पुलों के पूरा होने से पटना के गांधी सेतु, बिहटा-कोइलवर पुल और आरा-छपरा सेतु पर यातायात दबाव कम होगा। पटना-गया-डोभी और बनारस-औरंगाबाद हाईवे के पूरा होने से यात्रियों का सफर आसान और तेज़ होगा। बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार और परिवहन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। बालू ट्रकों के लिए नया मार्ग मिलने से प्रमुख पुलों पर यातायात का भार कम होगा, जिससे स्थानीय लोगों को जाम से राहत मिलेगी।