Bihar Expressway News: ये 4 एक्सप्रेसवे बदलेगी बिहार के कई गांव और शहरों की किस्मत...सिर्फ साढ़े 3 घंटे में राज्य के किसी कोने से पहुंचेंगे पटना...

Bihar Expressway News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में सड़क और कनेक्टिविटी ढांचे का कायाकल्प हुआ है। बिहार के 4 नए एक्सप्रेसवे से बिहार के कई गांवों और शहरों की किस्मत बदल जाएगी।

एक्सप्रेस वे
बिहार में एक्सप्रेस वे - फोटो : social media

Bihar Expressway News: बिहार में 4 एक्सप्रेसवे की निर्माण हो रही है जो प्रदेश की सूरत बदल देगी। इन एक्सप्रेस वे के निर्माण से आप किसी भी कोने से मात्र 3 घंटे में पटना पहुंच जाएंगे। साथ ही साथ आपको घंटों की जाम से भी निजात मिलेगी। दरअसल, प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। बता दें कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीते दो दशकों में बिहार ने बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से सड़क निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। वर्ष 2005 से पहले और बाद के बिहार की तस्वीर में व्यापक बदलाव देखने को मिला है। जिसे आज राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।

सड़क निर्माण में दोगुनी रफ्तार

पथ निर्माण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2005 तक राज्य में कुल 14,468 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ था। वहीं वर्ष 2025 तक यह आंकड़ा 26,000 किलोमीटर से भी अधिक तक पहुंचने की संभावना है। यह न सिर्फ निर्माण की मात्रा में वृद्धि है, बल्कि सरकार की दूरदर्शिता और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

राष्ट्रीय और राज्य उच्च पथों में बड़ा विस्तार

राष्ट्रीय उच्च पथ की लंबाई 3,629 किलोमीटर (2005) से बढ़कर 6,147 किलोमीटर हो चुकी है। राज्य उच्च पथ की लंबाई 2,382 किलोमीटर से बढ़कर 3,638 किलोमीटर हो गई है। वृहद जिला पथों की लंबाई 8,457 किलोमीटर से बढ़कर 16,296 किलोमीटर तक पहुंच गई है।

सड़कों का चौड़ीकरण

राज्य में सड़कों के चौड़ीकरण के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिली है। वर्ष 2005 के पहले तक जहां अधिकांश सड़कें सिंगल या इंटरमीडिएट लेन तक ही सीमित थीं। वहीं अब दो, चार और छह लेन सड़कों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय उच्च पथों में सिंगल लेन सड़कों की लंबाई 764 किलोमीटर से घटकर अब मात्र 186 किलोमीटर रह गई है। जबकि दो लेन सड़कों की लंबाई 1,208 किलोमीटर से बढ़कर 3,278 किलोमीटर हो चुकी है। साथ ही चार और छह लेन की कुल लंबाई अब 1,704 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है। 

राज्य उच्च पथों में भी बदलाव 

इसी प्रकार, राज्य उच्च पथों में भी बड़ा बदलाव आया है। जहां पहले केवल 52 किलोमीटर सड़कें दो लेन थीं अब इनकी लंबाई बढ़कर 2,786 किलोमीटर हो चुकी है जबकि सिंगल और इंटरमीडिएट लेन सड़कों की लंबाई क्रमशः घटकर 286 और 292 किलोमीटर रह गई है। वृहद जिला पथों की श्रेणी में भी यही प्रवृत्ति दिखाई देती है, जहां दो और चार लेन सड़कों की लंबाई में बढ़ोतरी हुई है। 

2005 के बाद अस्तिव में आया एक्सप्रेसवे 

यदि एक्सप्रेसवे की बात करें, तो वर्ष 2005 से पहले बिहार में एक भी एक्सप्रेसवे का अस्तित्व नहीं था। लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी और राज्य सरकार की निरंतर प्रयास के परिणामस्वरूप आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। वर्तमान में राज्य में पांच प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं, जो न केवल राज्य की कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देंगी, बल्कि आर्थिक विकास की रफ्तार को भी तीव्र करेंगी। इन परियोजनाओं में  408 किलोमीटर लंबा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे, 417 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, 250 किलोमीटर लंबा पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, 300 किलोमीटर लंबा बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे और 161 किलोमीटर लंबा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे शामिल हैं। 

2027 तक हर कोने से पटना की दूरी साढ़े तीन घंटे

राज्य सरकार अब एक और महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। वर्ष 2027 तक राज्य के किसी भी हिस्से से पटना अधिकतम साढ़े तीन घंटे में पहुंचना। इससे पहले पांच घंटे में राजधानी पहुंचने की योजना पहले ही सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है।