Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी को लगा करारा झटका! इस कद्दावर नेता ने छोड़ा साथ, थाम लिया प्रशांत किशोर का हाथ
Bihar Assembly Election 2025: बिहार चुनाव 2025 से पहले बड़ी सियासी हलचल, पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके जीएस रामचंद्र दास ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी जॉइन की।

Bihar Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से पुराने और अनुभवी नेताओं की घर वापसी या घर बदलने का दौर शुरू हो गया है।15 मई 2025 को गया जिले के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री जीएस रामचंद्र दास ने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का दामन थाम लिया है। यह राजनीतिक परिवर्तन ऐसे समय में आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
कौन हैं जीएस रामचंद्र दास?
गया जिले से तीन बार विधायक (1980, 1985 बाराचट्टी से, 1998 उपचुनाव में बोधगया से)। वह कांग्रेस की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं – भवन निर्माण, PWD और श्रम विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार संभाला। मालती दास के सांसद बनने के बाद उपचुनाव जीतकर फिर विधानसभा पहुंचे। उनके कार्यकाल में गया क्षेत्र में प्रशासनिक बदलाव और विकास कार्यों की लंबी सूची रही – मोहनपुर को प्रखंड, शेरघाटी को अनुमंडल और डोभी को प्रखंड का दर्जा दिलाया है।
BREAKING, PRASHANT KISHOR, JAN SURAAJ: प्रशांत किशोर की मौजूदगी में पूर्व मंत्री और तीन बार के MLA (2 बार बाराचट्टी और 1 बार बोधगया) गया से आने वाले बिहार के वरिष्ठ समाजसेवी नेता श्री GS रामचंद्र दास और उनके नेतृत्व में पार्टी से प्रेरित अनेकों समर्थकों ने जन सुराज की सदसयता ली। pic.twitter.com/rZ8U56MhNQ
— जन सुराज की बात (@jansuraajkibaat) May 15, 2025
मांझी की पार्टी छोड़ने की वजह
कांग्रेस के कमजोर होने के बाद जीएस रामचंद्र दास जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) में चले गए। वहां उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद तो मिला, लेकिन नीतिगत या टिकट वितरण में तरजीह नहीं मिली। राजनीतिक हाशिए पर लाने की कोशिशों के बाद उन्होंने HAM को छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने जन सुराज की विचारधारा और प्रशांत किशोर की रणनीति में भविष्य देखा। मौके पर जीएस रामचंद्र दास ने कहा कि प्रशांत किशोर बिहार में जो बदलाव की मुहिम चला रहे हैं, उससे मैं बेहद प्रभावित हूं और इसीलिए जन सुराज से जुड़ा हूं।
प्रशांत किशोर के लिए क्यों महत्वपूर्ण है यह जॉइनिंग?
जन सुराज पार्टी को विधानसभा चुनाव 2025 में मजबूत चेहरों की जरूरत है। जीएस रामचंद्र दास अनुभवी और ज़मीनी नेता हैं। वह गया और मगध क्षेत्र में पैठ रखते हैं। जीएस रामचंद्र दास की दलित और पिछड़े वर्ग में प्रभावशाली छवि है। प्रशांत किशोर की 'बूट्स ऑन ग्राउंड' रणनीति के लिए एक मजबूत क्षेत्रीय स्तंभ बन सकते हैंइस जॉइनिंग से यह भी संकेत मिलता है कि जन सुराज अब केवल युवाओं की पार्टी नहीं, बल्कि पुराने, अनुभवी नेताओं को भी राजनीतिक मंच दे रहा है, जो मौजूदा पार्टियों से निराश हो चुके हैं।