Bihar Assembly Elections 2025: प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव के खिलाफ नहीं लड़ेंगे चुनाव! राघोपुर से इस उम्मीदवार को दिया मौका, जानें कौन हैं वह

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जनसुराज पार्टी ने तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर से चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया है। इस कदम से प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लग गया है।

Bihar Assembly Elections 2025
राघोपुर सीट पर कांटे की टक्कर- फोटो : social media

Bihar Assembly Elections 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल दिन-ब-दिन गर्माता जा रहा है। इस बीच जनसुराज पार्टी ने एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए तेजस्वी यादव की हाई-प्रोफाइल सीट राघोपुर से अपने उम्मीदवार चंचल सिंह के नाम की घोषणा कर दी है।

यह फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि राघोपुर को अब तक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का अभेद्य गढ़ माना जाता था।जनसुराज के इस कदम से यह साफ हो गया है कि पार्टी अब बड़े नेताओं के खिलाफ भी सीधा मुकाबला करने के लिए तैयार है।

तेजस्वी यादव बनाम चंचल सिंह

राघोपुर विधानसभा सीट लंबे समय से तेजस्वी यादव की राजनीतिक पहचान रही है। जनसुराज पार्टी द्वारा इस सीट से चंचल सिंह को टिकट दिए जाने के बाद यह मुकाबला अब बेहद दिलचस्प हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने एक रणनीतिक कदम उठाते हुए ऐसे उम्मीदवार को चुना है जो, जनता से सीधा जुड़ाव रखता है, संगठन के प्रति समर्पित है और तेजस्वी यादव के खिलाफ एक नई राजनीतिक धारा पेश कर सकता है।चंचल सिंह का नाम सामने आने के बाद जनसुराज के कार्यकर्ताओं में जोश देखने को मिल रहा है, जबकि RJD खेमे में राघोपुर की सीट पर अब अतिरिक्त सतर्कता बढ़ गई है।

प्रशांत किशोर की उम्मीदवारी पर लगा विराम

काफी समय से यह अटकलें चल रही थीं कि प्रशांत किशोर (PK) खुद विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।उनका नाम दो प्रमुख सीटों — रोहतास जिले की करगहर और वैशाली जिले की राघोपुर — से जोड़ा जा रहा था, लेकिन अब इन दोनों ही सीटों पर पार्टी द्वारा अपने उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद यह लगभग तय हो गया है कि प्रशांत किशोर इस चुनाव में खुद मैदान में नहीं उतरेंगे।सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर का ध्यान अब राज्यव्यापी संगठन विस्तार और जनसुराज की विचारधारा को जमीनी स्तर तक मजबूत करने पर केंद्रित है।उन्होंने पहले ही यह संकेत दिया था कि उनका लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं, बल्कि “बिहार की राजनीतिक संस्कृति को बदलना” है।

जनसुराज पार्टी की रणनीति संगठन से जनमत तक

प्रशांत किशोर ने बिहार में जनसुराज यात्रा के माध्यम से जो राजनीतिक जनसंपर्क अभियान शुरू किया था, उसने ग्रामीण इलाकों में पार्टी की पहचान मजबूत की।अब उसी नेटवर्क के जरिए पार्टी उम्मीदवारों को “जनता से सीधे जोड़ने” की कोशिश कर रही है।विशेषज्ञों का मानना है कि जनसुराज पार्टी 2025 के चुनाव में “थर्ड फ्रंट” के रूप में उभरने की रणनीति पर काम कर रही है।राघोपुर जैसी सीटों पर उम्मीदवार उतारना इस बात का प्रमाण है कि पार्टी सिर्फ सीमित सीटों पर नहीं, बल्कि राजनीतिक मुकाबले के केंद्र में आने की कोशिश कर रही है।

राघोपुर क्यों है खास?

राघोपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक महत्व बहुत बड़ा है।यह सीट लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की पारंपरिक सीट रही है।यहां से RJD ने लगातार मजबूत जनाधार बनाए रखा है।इसे वैशाली जिले की सबसे प्रभावशाली और राजनीतिक रूप से सक्रिय सीटों में गिना जाता है।अब जब जनसुराज पार्टी ने यहां से अपना उम्मीदवार उतारा है, तो यह मुकाबला सिर्फ RJD बनाम जनसुराज का नहीं रहेगा, बल्कि “नई बनाम पुरानी राजनीति” का प्रतीक बन सकता है।