Bihar Assembly Election 2025: Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर, प्रशासनिक अमले में हलचल तेज, अमृत लाल मीणा के नेतृत्व में मिशन मोड के तहत हुई उच्चस्तरीय बैठक

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जानिए क्या दिशा-निर्देश दिए गए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को।

Bihar Assembly Election 2025:
बिहार विधानसभा चुनाव 2025- फोटो : social media

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र प्रशासनिक गतिविधियाँ तेज़ हो चुकी हैं। मगध प्रमंडल की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने अधिकारियों को चुनावी तैयारियां “मिशन मोड” में आरंभ करने का निर्देश दिया। यह बैठक पुराने सचिवालय स्थित सभा कक्ष में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि भारत निर्वाचन आयोग की आगामी बिहार यात्रा से पूर्व हर आवश्यक व्यवस्था मुकम्मल होनी चाहिए। उन्होंने चुनाव संबंधी कार्यों में कोई कोताही न बरतने का निर्देश दिया और साथ ही समयबद्ध ढंग से कार्य निष्पादन पर ज़ोर दिया।

बैठक में कौन-कौन हुए शामिल?

यह समीक्षा बैठक एक समन्वयपूर्ण प्रयास था जिसमें बिहार के डीजीपी विनय कुमार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मगध प्रमंडल के आयुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अन्य वरीय अधिकारी शामिल हुए।

विशेष रूप से अरवल, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद और गया जिलों के अधिकारियों ने चुनाव की तैयारियों का विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि चुनाव के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मिलकर ठोस रणनीति पर कार्य कर रहे हैं।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के प्रमुख निर्देश

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि प्रत्येक 1200 मतदाताओं पर एक मतदान केंद्र निर्धारित किया जाएगा। साथ ही, कर्मियों के डेटा की समय पर एंट्री, शैडो ज़ोन की पहचान, संचार योजना का निर्माण और परिवहन साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

इसके अतिरिक्त अवैध हथियारों और कारतूसों की धरपकड़ पर ज़ोर देने की बात की गई। सामान्यतः बूथों का स्थान परिवर्तन नहीं किए जाने पर चर्चा हुई। एश्योर्ड मिनिमम फैसिलिटी (AMF) के लिए विभागीय समन्वय औऱ सीमावर्ती क्षेत्रों में वन विभाग के साथ छापेमारी अभियान चलाने पर ध्यान दिए जाने की बात हुई।

 सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर जोर

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी हथियारों और शस्त्र दुकानों की जांच की जाए। इस दौरान प्रत्येक गोली की सटीकता से जांच हो।लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा किया जाए।जेलों का मासिक औचक निरीक्षण अनिवार्य किया जाए। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग को सख्ती से लागू किया जाए। इससे स्पष्ट होता है कि सुरक्षा के मोर्चे पर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और किसी भी भ्रामक सूचना को तुरंत दबाया जाएगा।

 DGP के निर्देशन में क़ानून व्यवस्था की समीक्षा

पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने सभी पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित गिरफ्तारी और कुर्की जब्ती वारंटों का त्वरित निष्पादन किया जाए। निर्वाचन एवं शस्त्र अधिनियम के कांडों की शीघ्र जांच हो। जब्त शराब और अवैध हथियारों को खत्म किया जाए। बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की अपील की गई।उन्होंने नवादा जिले के उदाहरण को सामने रखते हुए अन्य जिलों को भी कार्रवाई तेज़ करने का निर्देश दिया। निरोधात्मक कार्यवाही से पहले स्पष्ट मार्गदर्शन और कानूनी रूपरेखा पर काम करने को प्राथमिकता दी गई।

पोल बायकॉट की सूचना और संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी

मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी स्थान से पोल बायकॉट की सूचना मिलती है तो उसे बेहद संवेदनशीलता और रणनीतिक तैयारी के साथ हैंडल किया जाए। RO, ARO, ERO/AERO की रिक्तियां तत्काल भरने का निर्देश भी दिया गया। चेक पोस्ट पर वाहनों की सघन जांच, सीमावर्ती जिलों में सतर्कता और समन्वय बैठकें, जब्त वाहनों के अधिग्रहण हेतु न्यायालयी प्रक्रिया को गति देने जैसे कई कदम सुझाए गए।