Bihar coronavirus: बिहार में तेजी से बढ़ सकते हैं कोविड के मामले! अलर्ट पर स्वास्थ विभाग, लोगों से की अपील कही ये जरूरी बात
Bihar coronavirus: बिहार में कोविड के संभावित खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को जांच और इलाज की व्यवस्था सुदृढ़ करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही विशेष अभियान के तहत 10 लाख नए आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

Bihar coronavirus: देश के कुछ हिस्सों में कोविड संक्रमण के नए मामले सामने आने के बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग एहतियात के तौर पर अलर्ट मोड में आ गया है। विकास आयुक्त एवं स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेजों के अधीक्षकों एवं प्रिंसिपलों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल तुरंत कोविड जांच शुरू करें। कोई भी नागरिक जांच करवाना चाहता है, तो उसे सुविधा मिले।
बिहार स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत हुए बैठक में मुख्य निर्देश दिए गए हैं। सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोविड जांच तत्काल शुरुआत करने का निर्देश दिया गया है। जिलों के अस्पतालों में किसी भी नागरिक को जांच कराने से न रोकने की अपील की है। लक्षण दिखने पर तत्काल इलाज की समुचित व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने सभी सिविल सर्जन को लगातार सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी है। नए मामलों की पुष्टि पर स्वास्थ्य मुख्यालय को रिपोर्ट करने का आदेश दिया है। इस समीक्षा का उद्देश्य कोविड की किसी भी संभावित लहर से पहले तैयारी सुनिश्चित करना है।
नागरिकों से अपील घबराएं नहीं, सतर्क रहें
प्रत्यय अमृत ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी नागरिक को घबराने या हताश होने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर अफवाहों से बचें। लोगों को जागरूक करें, लेकिन भय का माहौल न बनाएं। कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क, दूरी और साफ-सफाई का पालन करें।
विशेष अभियान में 10 लाख आयुष्मान कार्ड बने
स्वास्थ्य विभाग ने 26 मई से चल रहे विशेष आयुष्मान कार्ड निर्माण अभियान में अब तक 10 लाख से अधिक नए कार्ड बनाए हैं। इस अभियान के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत रजिस्टर्ड राशन कार्डधारियों के परिवारों को शामिल किया गया है। 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों के लिए वय वंदना कार्ड बनाए जा रहे हैं। हर सदस्य का व्यक्तिगत कार्ड बनाना अनिवार्य किया गया है, ताकि हर व्यक्ति को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। मामसे पर स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि परिवार के सिर्फ एक सदस्य का कार्ड पर्याप्त नहीं है, हर व्यक्ति को कवर करना लक्ष्य है।
आयुष्मान कार्ड क्यों जरूरी है?
आयुष्मान कार्ड की मदद से कोई भी मरीज 5 लाख तक का निःशुल्क इलाज सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में करवा सकता है। इसमें 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को विशेष सुविधा है। बीपीएल परिवारों और श्रमिक वर्ग के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा कवच और डिजिटल हेल्थ मिशन के साथ जोड़ने की प्रक्रिया में सहायक है।