Bihar Crime: CBI बनकर करते थे ठगी! वेब सीरीज से सीखा ‘क्राइम मॉडल’, पटना में 'नीतीश कुमार' का फर्जी ऑफिसर गिरोह गिरफ्तार

Bihar Crime: पटना पुलिस ने CBI स्पेशल ऑफिसर बनकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। आरोपितों ने वेब सीरीज देखकर सीबीआई टीम का ढांचा तैयार किया और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दिया।

CBI
CBI- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Crime: पटना में पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो खुद को CBI का स्पेशल ऑफिसर बताकर लोगों से ठगी करता था। इस गिरोह के सदस्य पहले जेल में बंद थे, जहां उन्होंने फिल्में और वेब सीरीज देखकर सीबीआई जैसी टीम की नकली संरचना तैयार की और जेल से बाहर निकलते ही अपराध की दुनिया में उतर गए।

कैसे सामने आया मामला?

इस पूरे ठगी गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब एसकेपुरी थाना क्षेत्र के एक बिस्कुट कंपनी के सेल्समैन अमर कुमार से ₹17,000 की ठगी हुई। आरोपितों ने CBI अधिकारी बनकर उनसे पैसे लूट लिए। इसके बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की और तीन आरोपियों को धर दबोचा।

गिरफ्तार आरोपित कौन हैं?

डीएसपी साकेत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पकड़े गए अपराधियों में शामिल हैं:

रीतन कुमार, पचगछिया, सहरसा

नीतीश कुमार, धनरुआ, पटना

अरविंद कुमार, लालगंज, वैशाली

अरविंद के पास से फर्जी सीबीआई स्पेशल ऑफिसर का आईडी कार्ड बरामद किया गया है।

गिरोह के पास से बरामद हुए सेना की वर्दी,दो पिस्टल,एक देसी कट्टा,तीन जिंदा कारतूस,छह मोबाइल फोन,दो बाइक और फर्जी नंबर प्लेट।

Nsmch
NIHER

ठगी की योजना और तरीका

जांच में सामने आया कि गिरोह का सरगना अरविंद कुमार है, जिसने वेब सीरीज देखकर सीबीआई टीम की नकल करने का आइडिया लिया। इसके तहत खुद को सीबीआई स्पेशल ऑफिसर बताकर लोगों को डराते थे। पुलिस पर भी फर्जी पहचान दिखाकर धौंस जमाते थे। वे लोग हथियार के बल पर लूटपाट करते और फर्जी CBI कार्ड और सेना की वर्दी का उपयोग करते।गिरोह भीड़भाड़ वाले इलाकों में रेकी कर बड़े लूट की घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में था।

गांधी मैदान में थी बड़ी लूट की तैयारी

नीतीश और उसके साथी गांधी मैदान क्षेत्र में एक बड़े व्यवसायी की कई दिनों से रेकी कर रहे थे। उनके प्लान के मुताबिक, जल्द ही तीन से चार लाख की लूट होने वाली थी।लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से बाइक की पहचान कर आरोपियों को चिरैयाटांड़ और आलमगंज से गिरफ्तार कर लिया।

गिरोह का नेटवर्क और क्राइम हिस्ट्री

गिरोह में शामिल लोगों के खिलाफ कई तरह के केस दर्ज है। रीतन पर दरभंगा में केस दर्ज है। नीतीश दीदारगंज थाने में वांछित है। अरविंद पर रंगदारी, मारपीट और आर्म्स एक्ट के कई मामले हैं। गिरोह में शामिल संतोष पासवान अभी फरार है। नीतीश और रीतन किराए के कमरे में साथ रहते थे, वहीं से अपराध की साजिशें रचते थे।

पुलिस की सक्रियता और कार्रवाई

पुलिस ने एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड, सीसीटीवी फुटेज, और स्पेशल टीम की मदद से गिरोह के सदस्यों को पकड़ने में सफलता पाई है। अब फरार आरोपी की तलाश तेज कर दी गई है।