Bihar Cyber Fraud: बिहार के लोगों को साइबर अपराधियों से मिलेगी राहत! सरकार करने जा रही है ये स्पेशल काम, AI बनेगा हथियार
Bihar Cyber Fraud: बिहार में साइबर अपराध से निपटने के लिए ईओयू और सी-डैक की साझेदारी में AI-आधारित अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। जानें कैसे नया R&D सेंटर साइबर फॉरेंसिक, सुरक्षा और हैकथान के जरिए बनाएगा डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत।

Bihar Cyber Fraud: आर्थिक अपराध इकाई (EoU), बिहार पुलिस ने अब साइबर अपराध से लड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर फॉरेंसिक तकनीकों को साथ जोड़ने की ठोस शुरुआत कर दी है। ईओयू मुख्यालय परिसर में शुक्रवार (23 मई) को एक विशेष R&D केंद्र का उद्घाटन हुआ, जिसमें AI-आधारित अनुसंधान, स्वदेशी साइबर सुरक्षा समाधान और फॉरेंसिक विश्लेषण की आधुनिक तकनीक का समावेश किया गया है।
उद्घाटन समारोह में एडीजी नैय्यर हसनैन खान,सी-डैक के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा समेत अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक और पुलिस अधिकारी मौजूद थे। यह अनुसंधान एवं विकास केंद्र (R&D) न केवल बिहार बल्कि पूरा भारत के लिए एक प्रोटोटाइप साइबर सुरक्षा मॉडल बनने की क्षमता रखता है। AI आधारित साइबर अपराध विश्लेषण करने का काम करेगा। ये रियल-टाइम डिजिटल फॉरेंसिक टूल्स का विकास करेगा, जिसकी मदद से साइबर खतरों की भविष्यवाणी और समाधान किया जाएगा। इसमें नए साइबर फ्रॉड पैटर्न की पहचान और डिटेक्शन एल्गोरिद्म का निर्माण भी हो पाएगा।
प्रशिक्षण और तकनीकी नवाचार
इस केंद्र में पुलिस अधिकारियों, तकनीकी विशेषज्ञों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका प्रमुख उद्देश्य उभरते खतरों पर तेज प्रतिक्रिया करना है। AI आधारित फैसले लेने में दक्षता लाने की कोशिश की जाएगी। इसकी मदद से तकनीक और कानून का मजबूत समन्वय देखने को मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि साइबर अपराधों की जांच केवल रिएक्टिव न रहकर प्रोएक्टिव बन जाए।
साइबर हैकथान 2025: युवा प्रतिभाओं को मंच
25-26 जून 2025 को साइबर हैकथान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूरे भारत से स्टूडेंट्स, इनोवेटर्स और डेवलपर्स को आमंत्रित किया गया है। हैकथान के लक्ष्य है रियल वर्ल्ड साइबर प्रॉब्लम्स पर सॉल्यूशन ढूंढ पाएं। AI आधारित साइबर टूल्स का निर्माण हो सके। फॉरेंसिक और सुरक्षा संबंधी नवाचारों को प्रोत्साहन करने में मदद मिलेगी। इस प्रतियोगिता से न केवल तकनीकी समाधान निकलेंगे, बल्कि नवोन्मेषी प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी मिलेगी।