Bihar election: पोस्टल बैलेट में बड़ी संख्या में वोट खारिज! चुनाव आयोग ने बताए सही आंकड़े

Bihar election: बिहार चुनाव 2025 में 2 लाख पोस्टल बैलेट में से 23,918 वोट खारिज। चुनाव आयोग ने गलत दावों का खंडन करते हुए काउंटिंग को 100% सटीक बताया।

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मतदान से जुड़ा आंकड़ा किया गया जारी- फोटो : social media

Bihar election: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना के बीच पोस्टल बैलेट को लेकर कई तरह की अफवाहें फैली हुई थीं। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने आधिकारिक जानकारी जारी की और साफ कर दिया कि जितने भी पोस्टल वोट आए, उनमें से केवल उतने ही मत अमान्य हुए, जितना नियम के अनुसार स्वाभाविक माना जाता है। आयोग के अनुसार इस बार कुल 2 लाख 1 हजार पोस्टल बैलेट आए थे, जिनमें से 23 हजार 918 मत गलत भरे होने या तकनीकी गलती के चलते गिनती में शामिल नहीं किए गए। यह संख्या कुल पोस्टल बैलेट का लगभग 11.87 प्रतिशत है।

कुल वोट और वैध मतों का सही आंकड़ा

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे बिहार में कुल 5 करोड़ 2 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इनमें लगभग 4 करोड़ 93 लाख वोट वैध पाए गए। अमान्य मतों की संख्या लगभग 9 लाख 34 हजार रही। NOTA को भी बड़ी संख्या में लोगों ने चुना और कुल 9 लाख 10 हजार वोट NOTA के हिस्से में गए। वैध वोटों की गणना करते समय NOTA को अलग रखा गया है।

क्या SIR के कारण चुनाव के परिणाम प्रभावित हुए?

सोशल मीडिया पर लगातार यह चर्चा चल रही थी कि SIR प्रक्रिया की वजह से प्रवासी लोग बिहार लौटे और इससे चुनाव परिणाम बदल गए। कुछ पोस्ट्स में यह भी दावा किया गया कि पोस्टल बैलेट की गिनती पर SIR का असर पड़ा। आयोग ने इन सभी बातों को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा कि SIR का मतगणना या नतीजों से कोई संबंध नहीं है। आयोग ने दावा किया कि हर वोट की गिनती तय सुरक्षा मानकों के साथ हुई है और संपूर्ण प्रक्रिया बिल्कुल सटीक रही।

वायरल गलत आंकड़ों पर आयोग का तगड़ा जवाब

इंटरनेट और सोशल मीडिया पर लगातार यह दावा फैल रहा था कि 1 लाख 77 हजार से अधिक पोस्टल वोटों को फेंक दिया गया है। आयोग ने इस दावे को झूठा बताते हुए कहा कि ऐसे किसी आँकड़े का कोई आधार नहीं है। आयोग का कहना है कि पोस्टल बैलेट और ईवीएम की गिनती दोनों में पूरी पारदर्शिता रखी गई और मिलान पूरी तरह सही पाया गया।

किन लोगों को मिलता है पोस्टल बैलेट का अधिकार

चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि पोस्टल बैलेट का अधिकार केवल विशेष श्रेणी के मतदाताओं को दिया जाता है। इनमें अस्सी-पचासी वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, आवश्यक सेवाओं में काम कर रहे कर्मचारी और चुनावी ड्यूटी पर तैनात अधिकारी शामिल होते हैं। इस बार इन श्रेणियों के लोगों ने बड़ी संख्या में पोस्टल बैलेट डालकर रिकॉर्ड बनाया।

बिहार में बना मतदान का नया रिकॉर्ड

बिहार ने इस चुनाव में मतदान प्रतिशत के मामले में नया इतिहास रचा। पूरे राज्य में 67.25 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया। यह आंकड़ा अब तक का सबसे अधिक है। राज्य के 91 हजार से ज्यादा मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से वोटिंग हुई। इस बार महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही, जिसने पूरे चुनाव को एक नई दिशा दी और राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी यह महत्वपूर्ण संकेत बन गया।