Bihar Cabinet: नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक 25 नवंबर को, नए समीकरण और नई सियासी दस्तक के साथ सत्ता का नया सेशन, कई बड़े फैसलों का हो सकता है ऐलान

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 10वीं ताजपोशी के बाद पहली कैबिनेट बैठक 25 नवंबर को सुबह 11 बजे बुलाई गई है..

Nitish s New Cabinet to Hold First Meeting on Nov 25
नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक 25 नवंबर को- फोटो : social Media

Bihar Cabinet: एनडीए की नई सरकार के गठन के बाद अब बिहार की राजनीति एक अहम मोड़ पर खड़ी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 10वीं ताजपोशी के बाद पहली कैबिनेट बैठक 25 नवंबर को सुबह 11 बजे बुलाई गई है.यानी सत्ता का नया सेशन, नई प्राथमिकताएँ और बदलते समीकरणों की पहली औपचारिक दस्तक। इस बैठक में नई विधानसभा के पहले सत्र की तारीख तय की जाएगी, साथ ही कई बड़े और रणनीतिक फैसलों का भी ऐलान होने की उम्मीद है, जिन पर आने वाले महीनों की राजनीति और शासन व्यवस्था टिकी होगी।

सबसे बड़ी चर्चा इस बात पर है कि दो दशकों बाद पहली बार नीतीश कुमार के पास गृह विभाग नहीं है। सत्ता का यह दिल और दिमाग यानी होम पोर्टफोलियो अब उनके डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सम्राट चौधरी के पास चला गया है। राजनीतिक हलकों में इसे एनडीए के भीतर नई शक्ति-समीकरण की खुली स्वीकारोक्ति माना जा रहा है। नीतीश के पास अब सामान्य प्रशासन, कैबिनेट सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन जैसे संवेदनशील लेकिन तकनीकी विभाग हैं यानी वे प्रशासन की कमांड रूम संभालते रहेंगे, लेकिन कानून-व्यवस्था का ताज अब बीजेपी के पास है।

वहीं दूसरे डिप्टी सीएम विजय सिन्हा को भूमि राजस्व और खनन विभाग सौंपा गया है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और राजस्व संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बंटवारा साफ करता है कि सरकार में त्रिकोणीय शक्ति केंद्र उभर रहे हैं नीतीश का प्रशासनिक कंट्रोल, सम्राट चौधरी का सुरक्षा ढांचा और विजय सिन्हा का आर्थिक-राजस्व क्षेत्र।

कैबिनेट की पहली बैठक इसलिए भी दिलचस्प होगी क्योंकि इसमें दस नए चेहरे शामिल हैं। युवा ऊर्जा और अनुभव दोनों को जगह देकर नीतीश ने मंत्रिमंडल में एक संतुलित माहौल बनाने की कोशिश की है। कई मंत्रियों को उनका पुराना विभाग ही दिया गया है, जो इस बात का संकेत है कि सरकार निरंतरता और स्थिरता दोनों को साथ लेकर चलना चाहती है।

इधर मुख्यमंत्री आवास पर बधाई देने वालों की भारी भीड़ उमड़ी। जदयू कार्यकर्ताओं से लेकर समर्थकों तक, हर कोई अपनी-अपनी उम्मीदों के साथ पहुंचा। भीड़ का यह जोश इस बात का संकेत है कि जनता नई सरकार से तेज फैसले और तेज कामकाज की उम्मीद लगाए बैठी है। ख़ासकर युवा और महिलाएँ, जिनकी उम्मीदें और आकांक्षाएँ राजनीति के हर फैसले को दिशा देती हैं, इस बैठक पर अपनी नज़रें टिकाए हुए हैं।

कुल मिलाकर 25 नवंबर का दिन नीतीश सरकार की कार्यशैली, गठबंधन की केमिस्ट्री और आने वाले सियासी मौसम का पहला ठोस संकेत देगा और यही इस बैठक को असाधारण राजनीतिक महत्व प्रदान करता है।